अररियाः बिहार में अपराधी बेखौफ हो गए हैं. आए दिन अपराधी हत्या की वारदात को ऐसे अंजाम दे रहे हैं, जैसे बच्चे पटाखा जलाते हैं. ताजा मामला बिहार के अररिया का है, जहां एक पत्रकार की अहले सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना ने एक बार फिर राजदेव रंजन हत्याकांड की याद को ताजा कर दिया है. घटना के बाद लोग बिहार में पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाने लगे हैं.
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अररिया में पत्रकार की गोली मारकर हत्याः ताजा मामला अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड की है. विमल कुमार यादव (Journalist vimal kumar yadav ) एक दैनिक अखबार में प्रखंड रिपोर्ट के तौर पर काम कर रहे थे. शुक्रवार की सुबह करीब 5 बजे चार अपराधियों ने विमल के घर पर दस्तक दी थी. दरवाजा खटखटाया तो पत्रकार नींद से जागते हुए दरवाजा खोल दिए. जैसे ही दरवाजा खुला अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. घटनास्थल पर ही पत्रकार विमल की मौत हो गई. पत्नी ने बताया कि उनका देवर गब्बू हत्याकांड में विमल गवाह थे. उन्हें लगातार हत्या की धमकी मिल रही थी.
दरवाजा खटखटाया.. और निकलते ही मार दी गोली :पत्रकार विमल कुमार यादव की पत्नी ने बताया कि सुबह-सुबह किसी ने घर का दरवाजा खटखटाया. वो चिल्ला रहा था. कह रहा था बाहर निकलो. हम लोग सो रहे थे. हल्ला सुनकर हम लोगों की नींद खुल गई. पति ने दरवाजा खोला तो गोली चलने की आवाज आई. जब मैं दरवाजे पर पहुंचीं तो वे (पति) खून से लथपथ नीचे पड़े थे. उन्हें रानीगंज रेफरल अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टरो ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
..तो इसलिए हुई पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या :मृतक की पत्नी ने बताया कि 2 साल पहले पति के छोटे भाई यानी उनके देवर गब्बू यादव की हत्या अपराधियों ने कर दी थी. इस हत्याकांड में उनके पति गवाह थे. केस का ट्रायल कोर्ट में चल रहा है. जिसकी गवाही देने पर विमल को लगातार धमकियां मिल रही थीं. जिसके बाद पुलिस में रिपोर्ट भी लिखवाई गई थी, साथ ही सुरक्षा की मांग की गई थी. बावजूद न सुरक्षा दी मिली, न धमकी देने वाले पकड़े गए. इधर घटना के बाद पुलिस छानबीन में जुट गई है. एसपी खुद जांच में जुटे हैं.