ज्वाइंट साइबर कॉर्डिनेशन कांफ्रेंस में बना साइबर क्राइम के खिलाफ संयुक्त एजेंडा रांची:भारत भर में साइबर अपराधियों के अलग-अलग मॉड्यूल काम कर रहे हैं. इन मॉड्यूल को चिन्हित कर राज्यों की पुलिस संयुक्त रूप से काम करने में लगी है. इसी योजना के तहत रांची में बुधवार को ज्वाइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम की पहली रीजनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. कांफ्रेंस में झारखंड पुलिस के साथ बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और यूपी पुलिस के अधिकारियों के साथ-साथ एमएचए, सीबीआई, ईडी, आरबीआई और डीआईबी के अधिकारियों ने शिरकत की.
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कॉन्फ्रेंस के दौरान साइबर अपराध के एक दर्जन से ज्यादा मॉड्यूल को चिन्हित किए गए हैं. इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के सीईओ आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री का मानना है कि डिजिटल सिक्योरिटी राष्ट्रीय सिक्योरिटी का एक बड़ा हिस्सा है. गृह मंत्री की अगुवाई में इसी वजह से I4C का गठन हुआ है और I4C उद्देश्य है कि देश में एक सेफ डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करना. इसी दिशा में देश भर में सात ज्वाइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन टीम्स बनाए गए हैं. जिसमे जेसीसीटी 2 झारखंड बेस्ड है.
राजेश कुमार ने बताया कि रांची में जेसीसीटी 2 कांफ्रेंस में छह राज्यों के साथ मिलकर जो नए साइबर थ्रेट्स आ रहे हैं, उनका मुकाबला कैसे करना है उसपर एक ज्वाइंट रणनीति बनाई गई है. I4C इस दिशा में लगातार काम कर रहा है. इसके लिए टीम को ग्राउंड लेवल से बेहतरीन फीडबैक चाहिए, ऐसे में इस कांफ्रेंस में जो फील्ड लेवल के ऑफिसर्स आए हैं वह अपने साथ साइबर क्राइम की तरह-तरह के एक्सपीरियंस लेकर आए हैं. कॉन्फ्रेंस में जो एक्सपीरियंस फील्ड से मिले हैं और जो कठिनाइयां सामने आ रही हैं उनको लेकर वह केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगे.
साइबर अपराधियों के तैयार डोजियर सौंपे गए:सीआईडी ने झारखंड और संबंधित राज्यों से राज्य के लोगों के साथ साइबर अपराध में शामिल अपराधियों का डोजियर तैयार किया है. इसे संबंधित डेटा कांफ्रेंस के दौरान राज्यों को सौंपा गया. इसी तरह दूसरे राज्यों की पुलिस भी राज्य के उन साइबर अपराधियों की सूची को सौंपा जो झारखंड से दूसरे राज्यों में साइबर अपराध को अंजाम देते हैं.
साइबर अपराध के मॉड्यूल से निपटने पर चर्चा:कांफ्रेंस के दौरान साइबर अपराध से प्रभावित राज्यों के अलग-अलग मॉड्यूल पर भी चर्चा की गई. मसलन झारखंड के जामताड़ा मॉड्यूल के तहत देवघर, जामताड़ा, दुमका, धनबाद, गिरिडीह जैसे इलाकों से ठगी करने वाले गिरोहों पर कार्रवाई की योजना बनी, साथ ही झारखंड में सक्रिय चिन्हित साइबर अपराधियों के खिलाफ अलग दूसरे राज्यों में मामले हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर रणनीति तैयार की गई. इसी तरह मेरठ मॉडयूल के तहत नूह, मेरठ, मेवात के इलाके में सक्रिय साइबर अपराधियों पर लगाम कसने के लिए विभिन्न तरह की जानकारी को कॉन्फ्रेंस में एक दूसरे से साझा किया गया.
ज्वाइंट टीम को करना होगा एक साथ काम:झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि साइबर अपराध को लेकर प्रिवेंशन, प्रोटेक्शन, प्रॉसीक्यूशन और इन्वेस्टिगेशन सभी मुद्दों पर कांफ्रेंस में चर्चा हुई है. हम लोग साइबर क्राइम को प्रीवेंट कैसे करें, रोक कैसे लगाए, लोगों का पैसा वापस कैसे मिले इन सब मुद्दों पर चर्चा हुई है. साथ ही हमारी इन्वेस्टिगेशन कैसे बेहतर हो इस पर चर्चा हो रही है.