उंदावल्ली: जोगुलाम्बा गडवाल जिले के उंडावल्ली के कुम्मारी कृष्णा ने चंद्रयान- 3 मिशन में 2 पेलोड (एएचवीसी), (आईएलएसए) के लिए डेटा प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर बनाया. कृष्णा कुम्मारि उंदावल्ली के लक्ष्मी देवी के बेटे हैं. उनके पिता मजदूरी करके जीविकोपार्जन करते हैं. कृष्णा ने पहली से 10वीं तक अपनी पढ़ाई जेडपी (ZP) हाई स्कूल, उंदावल्ली में की. 2008 में 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने तीन साल के लिए तिरुपति में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (डीसीएमई) में डिप्लोमा किया.
वह ई-सेट परीक्षा (E-SET exam) के बाद हैदराबाद (2011 - 2014) में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग किया. उसके बाद उसने अपने कॉलेज प्लेसमेंट के हिस्से के रूप में साढ़े तीन साल तक टेरा डेटा रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया. काम करते हुए उन्होंने इसरो में आईसीआरबी (इसरो सेंट्रलाइज्ड रिक्रूटमेंट बोर्ड परीक्षा) दी और अखिल भारतीय स्तर पर चौथी रैंक हासिल की. बाद में जनवरी 2018 में उसे बेंगलुरु में इसरो यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में वैज्ञानिक स्तर की नौकरी मिली.
चंद्रयान- 3 में भूमिका:चंद्रयान- 3 का काम कई केंद्रों पर किया गया. 5 सदस्यों ने मिशन के 2 पेलोड पर काम किया, जिनमें से कृष्णा कुम्मारी ने एलएचवीसी और आईएलएसए के लिए डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण सॉफ्टवेयर बनाया. कृष्णा ने कहा कि एलएचवीसी का मतलब क्षैतिज वेग है और आईएलएसए का मतलब चंद्रमा पर कंपन का पता लगाना और उसे रिकॉर्ड करना है. उन्होंने कहा कि इस्ट्रैक (ISTRAC) बेंगलुरु इस सॉफ्टवेयर के पेलोड से डेटा प्राप्त करेगा. उसने मिशन के लिए 6 महीने काम किया. उसने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के 100 प्रतिशत सफल होने की उम्मीद है.