नई दिल्ली : भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI ) के लिए 45000 नौकरियां निकली हैं, जिनमें डेटा वैज्ञानिक और मशीन लर्निग ( ML ) इंजीनियर सबसे अधिक मांग वाले कैरियर में से हैं. सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. टेक स्टाफिंग फर्म टीमलीज डिजिटल की रिपोर्ट कुछ चुनिंदा उद्योगों में एआई की क्षमता के गहन विश्लेषण पर आधारित है. रिपोर्ट के मुताबिक, Artificial intelligence व Machine learning उद्योगों में प्रमुख नौकरी की भूमिकाओं और एआई के उपयोग की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि AI में विशेषज्ञता वाले AI career उम्मीदवारों और पेशेवरों की मांग बढ़ी है.
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि स्केलेबल ML applications पर ध्यान केंद्रित करने से स्क्रिप्टिंग भाषाओं में कुशल एआई पेशेवरों की मांग में वृद्धि हुई है और पारंपरिक ML models का निर्माण एआई में कैरियर के लिए आवश्यक सबसे महत्वपूर्ण कौशल होगा. प्रमुख उद्योगों में एआई परिदृश्य में हेल्थकेयर (क्लिनिकल डेटा एनालिस्ट, मेडिकल इमेजिंग स्पेशलिस्ट, हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स एनालिस्ट, अन्य लोगों के बीच), एजुकेशन (एडटेक प्रोडक्ट मैनेजर, एआई लर्निग आर्किटेक्ट, एआई करिकुलम डेवलपर, चैटबॉट डेवलपर आदि), बीएफएसआई (धोखाधड़ी विश्लेषक, क्रेडिट जोखिम विश्लेषक, अनुपालन विशेषज्ञ), विनिर्माण (औद्योगिक डेटा वैज्ञानिक, क्यूसी विश्लेषक, प्रक्रिया स्वचालन विशेषज्ञ, रोबोटिक्स इंजीनियर, अन्य के बीच) और खुदरा (खुदरा डेटा विश्लेषक, आईटी प्रक्रिया मॉडलर, डिजिटल) इमेजिंग लीडर और अन्य) सहित कई तरह की प्रमुख भूमिकाएं हैं.
उच्च वेतन, तत्काल आवश्यकता
रिपोर्ट के मुताबिक, डेटा और एमएल इंजीनियर सालाना 14 लाख रुपये तक कमा सकते हैं, जबकि डेटा आर्किटेक्ट 12 लाख रुपये तक कमा सकते हैं. इसके अलावा, समान क्षेत्रों में आठ साल के अनुभव वाले उम्मीदवार प्रतिवर्ष 25 से 45 लाख रुपये तक का उच्च वेतन भी अर्जित कर सकते हैं. टीमलीज डिजिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील चेम्मनकोटिल ने एक बयान में कहा, "एआई क्रांति नौकरी के बाजार को बदल रही है, कुशल पेशेवरों की तत्काल आवश्यकता पैदा कर रही है जो अत्याधुनिक एआई प्रौद्योगिकियों को डिजाइन, विकसित और कार्यान्वित कर सकते हैं."