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सबसे कम बेरोजगारी दर वाले छत्तीसगढ़ में रोजगार का टोटा, युवाओं की बढ़ती उम्र, घटती नौकरियां

unemployment in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी अब बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है. प्रदेश के डिग्री धारी युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं. राज्य में वैकेंसीस तो निकल रही है, लेकिन किसी न किसी कारणवश परीक्षा रद्द हो जा रही है. उम्र भी धीरे धीरे बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से वे आर्थिक और मानसिक रुप से परेशान हैं.job shortage in chhattisgarh

Rising unemployment in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में रोजगार का टोटा

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Published : Nov 16, 2022, 9:37 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए रोजगार बड़ा मुद्दा बनते (unemployment in Chhattisgarh major election issue) जा रहा है. ग्रेजुएशन समेत पोस्ट ग्रेजुएशन होने के बाद भी डिग्री धारी युवा रोजगार के लिए इधर उधर भटक रहे हैं. रोजगार न मिलने पर दर दर की ठोकरें खानें को मजबूर हैं. राज्य में वैकेंसीस तो निकल रही है, लेकिन किसी न किसी कारणवश परीक्षा रद्द हो जा रहा है. बेरोजगार युवाओं की मानें, तो सरकार उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. इसकी वजह से बेरोजगारी की मार झेलने को मजबूर हैं. उनका उम्र भी धीरे धीरे बढ़ते जा रहा है, जिसकी वजह से वे आर्थिक व मानसिक रुप से परेशान हैं. ईटीवी भारत ने राज्य के अलग-अलग इलाकों के युवाओं से जानने की कोशिश की, आखिर उन्हें किस तरह की समस्या आ रही है. unemployment in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए रोजगार बड़ा मुद्दा



वीडियो ग्राफी में किया डिप्लोमा, वैकेंसी का अब तक पता नहीं: राजधानी रायपुर के रहने वाले सूर्यकांत गौतम बताते हैं कि "रोजगार के लिए हर क्षेत्र में समस्या है. जैसे कि मैंने वीडियो-फोटोग्राफी में डिप्लोमा किया है. हमारे यहां छत्तीसगढ़ में 2013 में यह कोर्स नहीं था. ऐसे में भोपाल के बरकत अली यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा किया. उसके बाद से मैं इंतजार कर रहा हूं. 2022 तक दूरदर्शन समेत कई ऐसे विभाग हैं, जिसमें रोजगार का कोई साधन नहीं मिला है. मैं ओबीसी से आता हूं. मेरी उम्र 39 वर्ष की है. उम्र की सीमा बढ़ती जा रही है, लेकिन रोजगार नसीब नहीं हुआ. Rising unemployment in Chhattisgarh

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उम्र बीत रही, लेकिन वैकेंसी नहीं निकल रही: बीलिब और एमलिब डिग्री धारी युवा संजय गढ़वाल बताते हैं कि "ग्रंथपाल भर्ती की मांग को लेकर बीते दिनों रायपुर में एक दिवसीय प्रदर्शन किया. राज्य के हाइयर सैंकडरी स्कूल मैं ग्रंथपाल के 2398 पद स्वीकृत हैं. इन पदों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. इन पद में 2013 में करीब 60 पदों की भर्ती हुई, लेकिन अब तक पुनः भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. ग्रंथ पाल के एक लाख युवाओं के पास डिग्री है, लेकिन भर्ती नहीं होने से सबसे बड़ी समस्या उम्र की सामने आ रही है. क्योंकि भर्ती के लिए जो उम्र निर्धारित किया गया है. उसमें ज्यादातर युवाओं का उस क्राइटेरिया में आ पाना मुश्किल है. इसलिए भर्ती जल्दी होनी चाहिए, ताकि हम जैसे युवाओं को नौकरी मिल सके. unemployment in Chhattisgarh major election issue

सरकार की इस नीति से युवा असंतुष्ट: तिलेश्वर जंघेल कहते हैं कि "वर्ष 2018 में एसआई का फार्म भरा था. उसके बाद से इसकी तैयारी में जुटा हुआ हूं. उनके घर वाले इतने सक्षम नहीं है कि आगे का खर्च उठा सकें. उम्र भी बहुत ज्यादा होते जा रहा है, मेरी उम्र 30 प्लस हो गया है. पहले मैं एक निजी जगह काम कर रहा था, जैसे ही परीक्षा की तारीख का ऐलान हुआ. एग्जाम की तैयारी में जुट गया, लेकिन अचानक परीक्षा रद्द हो जाती है. जिसकी वजह से हमारे पास न जॉब का कोई साधन है और न ही आय का स्त्रोत हैं. सरकार की इस नीति से हम संतुष्ट नहीं हैं." unemployment in Chhattisgarh major election issue

छत्तीसगढ़ में व्यापम समेत पुलिस भर्ती परीक्षा भी रद्द:दीपकुमार बताते हैं कि "वह एसआई भर्ती की परीक्षा फार्म भरा था. इसकी तैयारी के लिए जी तोड़ महनेत कर रहा था. 2018 के बाद से चार बार अलग-अलग पदों के लिए फार्म भरा था, लेकिन सभी परीक्षाएं रद्द हो गई है. व्यापम समेत पुलिस की भी परीक्षा नहीं हो पाई है. घर वाले हमसे उम्मीदें लगाए बैठें हैं कि आज नहीं तो कल बच्चे का नौकरी लग जाएगा. लेकिन सरकार की नीति की वजह से परीक्षाएं रद्द हो जा रही है. हमारी उम्र भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में हम मांग करते हैं कि 2023 से पहले कम से कम परीक्षा हो जाए. ताकि यह तो रहेगा कि हम परीक्षा दिला चुके हैं. भले ही ज्वाइनिंग लेट से हो."

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