आइशी घोष, जेएनयूएसयू प्रेसिडेंट नई दिल्ली:जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU University) में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है. जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) और जेएनयू प्रशासन आमने-सामने है. खबर है कि चेतावनी के बावजूद स्क्रीनिंग पर अड़े छात्रों के रूख को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मंगलवार रात कैंपस की लाइट कटवा दी.
इसके बाद स्क्रीनिंग वाली जगह छात्र जुट गए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं. छात्रों के पथराव करने की भी खबर है. प्रशासन जहां डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होने से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा जता रहा है. वहीं, छात्र संघ इससे इनकार कर रहा है. उसका तर्क है कि जब कैंपस में द कश्मीर फाइल्स फिल्म की स्क्रीनिंग की गई थी तो उसे नहीं रोका गया था. इसको क्यों रोका जा रहा है.
सोमवार को JNU प्रशासन ने दी थी चेतावनीः कुछ छात्र संगठनों ने मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया था. इसके बाद JNU प्रशासन ने चेतावनी दी थी. कहा था कि चूंकि केंद्र ने इस डॉक्यूमेंट्री को देशभर में बैन कर दिया है. ऐसे में जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एडवाइजरी में कहा गया है कि इस तरह के इवेंट के लिए जेएनयू प्रशासन से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई है.
क्या है डॉक्यूमेंट्री विवादः दो पार्ट में बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि उसने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की जांच की थी. हालांकि, इसे विदेश मंत्रालय ने प्रोपेगेंडा बताकर खारिज कर दिया था. मंत्रालय ने बताया कि इसमें निष्पक्षता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है. इसके बाद कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने YouTube वीडियो और डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था.