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JLF 2023: 'पठान' के विरोध पर बोले फिल्म समीक्षक अजीत राय, अभिनेता शाहरुख खान मुसलमान सिर्फ इसलिए हुआ विवाद - Rajasthan hindi news

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में फिल्म पठान को लेकर हुए विवाद पर समीक्षक अजीत राय (Film Critic Ajeet Rai on Pathan movie) ने कहा कि अभिनेता शाहरुख खान के मजहब के कारण फिल्म का विरोध हुआ है. यह मैन्युफैक्चर प्रोटेस्ट है जिसका समर्थन मैं नहीं करता.

JLF 2023, Pathan film controversy in JLF 2023
फिल्म समीक्षक अजीत राय.

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Published : Jan 19, 2023, 9:15 PM IST

जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन बॉलीवुड के हालिया विवाद को लेकर फिल्म समीक्षक अजीत राय का बयान खासा चर्चा में रहा. फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की आने वाली फिल्म पठान के गाने 'बेशर्म रंग' पर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की स्विमिंग कॉस्टयूम के रंग को लेकर बीते दिनों पूरे देश में बवाल खड़ा हो गया था. इस मसले पर जेएलएफ के पहले दिन 'बॉलीवुड की बुनियाद' सेशन में फिल्म समीक्षक अजीत राय ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि शाहरुख खान के मजहब के कारण ही फिल्म पठान का विरोध हो रहा है.

'बॉलीवुड की बुनियाद' में पठान विवाद
जयपुर के निजी होटल में आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल के गुरुवार दोपहर के 'बॉलीवुड की बुनियाद' सेशन में फिल्म समीक्षक अजीत राय ने शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' के विरोध को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि "शाहरुख खान मुसलमान हैं, सिर्फ इसलिए उनकी फिल्म का विरोध किया जा रहा है. अगर वे मुस्लिम नहीं होते तो यह विरोध नहीं होता. यह मैन्युफैक्चर प्रोटेस्ट है जिसका समर्थन मैं नहीं करता. मैं निजी रूप से फिल्म क्रिटिक के रूप में फिल्म सेंसरशिप या किसी भी तरह की सेंसरशिप को नहीं मानता. दुनियाभर में क्रिएटिव सेंसरशिप कहीं नहीं है.

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फिल्मी इतिहास पर भी बात
अपनी किताब 'बॉलीवुड की बुनियाद' में फिल्म और थिएटर समीक्षक और सांस्कृतिक पत्रकार अजीत राय ने बॉलीवुड की कहानी को दोहराया. उन्होंने बताया कि दशकों में इसे कैसे आकार दिया गया. हिंदुजा भाइयों के प्रयासों के माध्यम से 12 सौ से अधिक हिंदी फिल्में दिखाई गईं और उन्हें अनुवाद और दृश्यता प्राप्त हुई. 'बॉलीवुड की बुनियाद' उनकी अनकही कहानियों को बताती है क्योंकि उन्होंने दुनिया भर में अपना रास्ता बनाया. हिंदी सिनेमा का स्वर्ण युग और बॉलीवुड की नींव 1955 में रखी गई थी. सेशन के दौरान अजीत राय ने उस सांस्कृतिक यात्रा का विश्लेषण किया जो हिंदुजा भाइयों के नेतृत्व में हिंदी फिल्मों ने दुनिया भर में की थी.

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अपनी किताब पर बात करते हुए अजीत राय ने कहा कि बॉलीवुड में सिलेक्शन सबसे बड़ी समस्या है. क्या करना चाहिए, इस पर ध्यान नहीं दिया जाता. संगम जैसी फिल्में कई देशों में तीन साल तक चलीं. इसलिए इसे बॉलीवुड नाम दिया गया. आज यह बॉलीवुड नहीं है. हॉलीवुड में एक फिल्म 2000 करोड़ में बनती है और 5000 करोड़ तक कमाती है. ऐसे में उनकी एक फिल्म हमारी पूरी इंडस्ट्री के बराबर है. उन्होंने जूतों के कारोबार को बॉलीवुड से बड़ा बताया. साथ ही कहा कि हिंदी फिल्मों के मार्केट से बड़ा तो टीवी और न्यूज़ का बाजार है.

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