श्रीनगर:पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के वरिष्ठ नेता वहीद पारा की जमानत अर्जी खारिज होने के खिलाफ दायर अपील पर जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शनिवार को सुनवाई की. बहस पूरी होने के बाद न्यायालय ने मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया. इससे पहले 2021 में एनआईए की एक विशेष अदालत ने पारा की जमानत याचिका को दो बार खारिज करते हुए उनके खिलाफ आरोपों को 'गंभीर और जघन्य' करार दिया था.
आतंकवाद के आरोपों का सामना कर रहे पीडीपी नेता वहीद पारा ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा दूसरी बार उनकी जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 की धारा 21, विशेष अदालत द्वारा जमानत देने या अस्वीकार करने के किसी भी आदेश के खिलाफ अपील करने का अवसर प्रदान करती है. वहीं, उप-धारा 2 निर्देश देती है कि ऐसी अपीलों की सुनवाई उच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा की जाए.
हालांकि, इस धारा के तहत एक अपील 30 दिनों के भीतर दायर की जानी चाहिए. पारा ने अपनी जमानत रद्द होने के दो महीने से अधिक समय बाद उच्च न्यायालय में अपील की, जिसके परिणामस्वरूप 33 सुनवाई में दिन की देरी हुई. हालांकि, अदालत ने पारा के वकील की दलीलों पर विचार करने के बाद आवेदन को मंजूर कर लिया था.