श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने रोशनी अधिनियम के लाभार्थियों के विवरणों को एकत्रित करना शुरू कर दिया है, जिसमें पूर्व मंत्री, राजनेता, नौकरशाह और व्यापारी शामिल हैं. जल्द ही सूची सार्वजनिक की जाएगी.
इस संबंध में जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि हम रोशनी अधिनियम के लाभार्थियों के विवरण संकलित कर रहे हैं और अब तक 15000 से अधिक लाभार्थियों के डेटा इकठ्ठा किया गया है. इसमें कई राजनेताओं, नौकरशाहों और व्यापारियों के नाम शामिल हैं. संबंधित एजेंसियों से सत्यापन के बाद जल्द ही सूची सार्वजनिक की जाएगी.
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन वापस मिल जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि रोशनी अधिनियम के तहत लगभग 3,48,200 कनाल भूमि के वास्तविक हस्तांतरण में से 3,40,000 से अधिक भूमि को कृषि भूमि के रूप में नि:शुल्क हस्तांतरित किया जाएगा.
31 अक्टूबर को प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (व्यवसायियों के स्वामित्व का अधिकार) अधिनियम, 2001 जिसे रोशनी अधिनियम भी कहा जाता है के अंतर्गत 20 लाख कनाल हस्तांतरित भूमि को छह महीने के भीतर पुनः प्राप्त करने का फैसला किया था.
इसके अलावा जम्मू उच्च न्यायलय ने इस मामले में आदेश दिया कि अगर उसके निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो राजस्व विभाग के सचिव और जम्मू-कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर इसके लिए उत्तरदायी होंगे और इसे कोर्ट की अवमानना मान कर आगे की कार्यवाही की जाएगी.
कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले पर जांच के लिए सीबीआई के निदेशक, पुलिस अधीक्षकों के रैंक से नीचे के अधिकारियों की टीमों की नियुक्ति नहीं करेंगे. यह टीम मामले की गहन जांच करेगी और जांच के दौरान दोषी पाए जाने वालो लोगों के खिलाफ सीबीआई कानून के अनुसार मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगी.