पटना: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को राजभवन में प्रोटेम स्पीकर की शपथ ली. राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. 23 नवंबर से 17वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है. प्रोटेम स्पीकर के रूप में मांझी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता दिलाएंगे. विधायकों को शपथ दिलाने का कार्यक्रम दो दिन चलेगा. वहीं, 25 को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. पहला सत्र 27 नवंबर तक चलेगा.
अनुभवी सदस्य हैं जीतन राम मांझी
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनी है. सरकार की ओर से बिहार विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के लिए जीतन राम मांझी के नाम की सिफारिश की गई थी. विधानसभा सदस्य के रूप में लंबा अनुभव रखने के चलते मांझी को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया.
जीतन राम मांझी बने प्रोटेम स्पीकर विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव तक सदन का संचालन करेंगे मांझी
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव होना अभी बाकी है. अध्यक्ष के चुनाव से पहले सदन के संचालन के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई है. विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक प्रोटेम स्पीकर के रूप में जीतन राम मांझी सदन की गतिविधियों को संचालित करेंगे.
80 के दशक में मांझी ने शुरू किया था राजनीतिक सफर
गया के इमामगंज विधानसभा सीट से विधायक जीतन राम मांझी ने 80 के दशक में राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी.
- 12 साल डाक विभाग में काम करने के बाद 1980 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए.
- 1980 में कांग्रेस के टिकट पर फतेहपुर क्षेत्र से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे.
- जीतन राम मांझी कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू की राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं.
- 2014 में मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. नीतीश कुमार से विवाद के बाद जेडीयू को छोड़ दिए.
- इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) का गठन किया.
- 2020 चुनाव से पहले मांझी की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा थी. सीट बंटवारे और समन्वय समिति को लेकर हुए विवाद के बाद उन्होंने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया.
- एनडीए में एक बार फिर से जीतन राम मांझी की इंट्री हुई. जदयू कोटे से 6 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतरे, जिसमें से 4 ने जीत दर्ज की.
- नीतीश कुमार की कैबिनेट में जीतन राम मांझी के बड़े बेटे और विधान पार्षद संतोष सुमन को जगह मिली है.