जींद (हरियाणा) :किसानों ने अपने प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड से एक दिन पहले शनिवार को हरियाणा में जींद जिले के उचाना कलां क्षेत्र में एक पूर्वाभ्यास किया. किसानों का मत है कि इस बार ट्रैक्टर परेड का नेतृत्व महिला किसान करेंगी. यह स्थिति हरियाणा व केंद्र सरकारों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है.
एक किसान ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि कल परेड में लगभग 5000 ट्रैक्टर और 20,000 किसान हिस्सा लेंगे. हम विरोध के लिए तैयार हैं और हमारा विरोध तीन कृषि कानूनों के खिलाफ है. एक किसान ने कि महिलाएं इस विरोध का नेतृत्व कर रही हैं. हम सरकार को दिखाना चाहते हैं कि हम टूटे नहीं हैं. विरोध जारी है.
26 जनवरी को हुई थी हिंसा
इससे पहले 26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए और कई हिस्सों में पुलिस से भिड़ गए थे. किसानों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर रैली के विरोध के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठित मुगल काल के स्मारक लाल किले में भी प्रवेश किया था और इसकी प्राचीर से अपने झंडे फहराए थे.
किसान 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले साल तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ, किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020. मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 पर किसान अधिकारिता और संरक्षण) समझौता को लेकर किसान नेताओं और केंद्र ने कई दौर की बातचीत की लेकिन गतिरोध बना हुआ है.