जानकारी देते संवाददाता भुवन किशोर झा रांची: झारखंड हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. जानकारों की मानें तो हेमंत सोरेन के लिए तीन रास्ते हैं या तो वे झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाए. या फिर अगर ईडी फिर समन भेजती है तो उनके समक्ष उपस्थित हो. तीसरा रास्ता ये है कि फिर जब ईडी समन भेजती है तो उसके खिलाफ सीएम फिर से हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं.
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ईडी के द्वारा जारी पांच समन में तीन का जवाब देकर हेमंत सोरेन उपस्थित होने से इनकार कर चुके हैं. उनके द्वारा इस संबंध में ईडी को न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही गई है. ईडी द्वारा जारी समन में 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर और पांचवा समन के तहत 4 अक्टूबर को उपस्थित होने को कहा गया था.
हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका इस ग्राउंड पर की है खारिज:झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार 13 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता एस के राजू ने वर्चुअल मोड में पक्ष रखा. ईडी के द्वारा न्यायालय को बताया गया कि जिस समन की बात याचिका में कही गई है उसका समय समाप्त हो चुका है. ऐसे में अब इसको चुनौती देना उचित नहीं है. इसके अलावा प्रार्थी द्वारा पीएमएलए एक्ट 2002 की धारा 50, 63 की वैधता को लेकर सवाल उठाए गए हैं. उसपर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में आए जजमेंट पर रिब्यू पेटिशन पर सुनवाई जारी है. जिसपर 18 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित है.
दोनों पक्षों की ओर से हुई सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने ईडी के ग्राउंड को सही मानते हुए याचिका को खारिज करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने अधिवक्ता कपिल सिब्बल हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए रख रहे थे.