दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सीएम से जुड़ा खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में दायर दोनों पीआईएल सुनवाई के योग्य, झारखंड हाई कोर्ट का फैसला

झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े माइनिंग लीज और शैल कंपनी की मेंटेनेबिलिटी मामले में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में दोनों पीआईएल को वैध ठहराया है. कोर्ट ने खनन लीज से जुड़े पीआईएल संख्या 727 और शैल कंपनी से जुड़े पीआईएल संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है.

Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट

By

Published : Jun 3, 2022, 12:48 PM IST

Updated : Jun 3, 2022, 5:06 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मुख्यमंत्री के खनन लीज और शेल कंपनी में भागीदारी से जुड़े दोनों पीआईएल को सुनवाई के योग्य बताया है. कोर्ट ने खनन लीज से जुड़े पीआईएल संख्या 727 और शैल कंपनी से जुड़े पीआईएल संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है. इस पर हाई कोर्ट ने 80 पेज का आर्डर जारी किया है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि दोनों याचिकाएं मेंटेनेबल हैं या नहीं इस पर 1 जून को करीब 4 घंटे तक बहस चली थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने अपना पक्ष रखते हुए दोनों याचिकाओं को खारिज करने की अपील की थी. दोनों अधिवक्ताओं ने याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा के क्रेडेंशियल पर सवाल खड़े किए थे. जबकि ईडी के अधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा था कि पूरे मामले में अगर हाई कोर्ट को लगता है कि इसमें मेरिट है तो वह संज्ञान खुद ले सकता है.

राजीव कुमार, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता

अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि आज दोनों केस सुनवाई योग्य बताते हुए मुख्य न्यायाधीश की अदालत ने तीनों केस के मेरिट पर सुनवाई की बात कही. इस पर झारखंड हाईकोर्ट के महाधिवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल किसी अन्य काम में व्यस्त हैं, इसलिए कुछ समय बाद सुनवाई की तारीख दी जाए. इस पर हाई कोर्ट ने सभी मामलों के मेरिट पर सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख तय की है. हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब तीनों केस की सुनवाई फिजिकल तरीके से होगी. इससे साफ हो गया है कि अगली सुनवाई के दिन मुख्यमंत्री और सरकार की तरफ से अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी रांची आएंगे. अधिवक्ता राजीव कुमार से यह पूछा गया कि क्या हाईकोर्ट के इस फैसले को बचाव पक्ष फिर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह ऑप्शन हमेशा खुला रहता है.

आपको बता दें कि मनरेगा में हुई वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े पीआईएल पर सुनवाई के दौरान ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट में एक सीलबंद लिफाफा पेश किया था. ईडी की दलील थी कि उसके पास शैल कंपनी से जुड़े कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. लिहाजा, सीएम से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े पीआईएल को भी एक साथ सुना जाना चाहिए. ईडी के स्टैंड को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केस के मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट को आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में खनन लीज से जुड़े पीआईएल संख्या 727 और शल कंपनी से जुड़े पीआईएल संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है.

आपको बता दें कि दोनों पीआईएल के जरिए याचिकाकर्ता ने पूरे मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने उम्मीद जताई है कि दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की तरफ से दोनों मामलों की सीबीआई से जांच कराने का आदेश आ सकता है.

Last Updated : Jun 3, 2022, 5:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details