रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से शुक्रवार को पूछा कि क्या वन विभाग के शीर्ष 20 अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है और यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो क्यों न उनकी संपत्ति की जांच कराई जाए. चीफ जस्टिस रवि रंजन और न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की पीठ ने पिछले वर्ष सितंबर में लातेहार जिले में हाथी के बच्चे की मौत के संबंध में स्वतः संज्ञान लिए गए मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.
अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या वन विभाग के शीर्ष 20 अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है और यदि नहीं तो क्यों नहीं इन अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराई जाए. अदालत ने राज्य में वनों और वन्य जीवों की कमी पर वन विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया कि 'पलामू टाइगर प्रोजेक्ट' में कई कदम उठाए गए हैं.
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