रांची : अफ्रीकी देश अब झारखंड के चावल (Rice of Jharkhand) के बड़े खरीदार बन रहे हैं. झारखंड के किसान उत्पादक संगठनों को इन देशों से लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं. हाल में रांची स्थित ऑल सीजन फॉर्म फ्रेश को 2200 मिट्रिक टन चावल की सप्लाई का ऑर्डर प्राप्त हुआ है. कृषि मंत्रालय के पोर्टल 'ई-नाम' के जरिए भी झारखंड के किसानों से बड़े पैमाने पर धान खरीदा जा रहा है और आंध्र प्रदेश के मीलों में तैयार किया जा रहा चावल विदेशों में निर्यात किया जा रहा है.
रांची स्थित बाजार समिति के अधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि विदेशों से आईआर-64 क्वालिटी के चावल के एक्सपोर्ट करने का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर रांची स्थित ऑल सीजन फॉर्म फ्रेश को मिला है. जल्द ही 80 कंटेनर चावल हल्दिया, परादीप और विशाखापत्तनम स्थित बंदरगाहों के जरिए दुबई और अफ्रीकी देशों में चावल की आपूर्ति की जायेगी.
झारखंड के हजारीबाग के किसानों को भी आंध्र प्रदेश के राइस मिलों से धान सप्लाई का ऑर्डर मिला है. बाहर से आये व्यापारी और एक्सपोर्टर्स भी स्थानीय किसानों से धान खरीद रहे हैं. यहां उत्पादित धान से बना चावल विदेशों खास तौर पर अफ्रीकी देशों में खूब पसंद किया जा रहा है. पिछले तीन-चार वर्षों में हजारीबाग धान की बड़ी मंडी के रूप में विकसित हुआ है. धान के बढ़ते कारोबार को देखते हुए सैकड़ों किसानों ने कृषि मंत्रालय के पोर्टल पर ई-नाम पर खुद को रजिस्टर्ड कराया है. ई-नाम के जरिए फसल की खरीदारी से किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि उन्हें कीमत का भुगतान तुरंत हो जाता है.