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बड़ा दिलवाला! कर्ज में डूबा था बुजुर्ग, दुखभरी कहानी सुनकर भावुक हुए जज साहब, चुकाया लोन

जहानाबाद की लोक अदालत में कर्ज से डूबे बुजुर्ग की दुखभरी कहानी सुनकर जज साहब इतना भावुक हुए कि उन्होंने अपनी जेब से रुपए देकर उसका लोन चुका दिया. बुजुर्ग ने क्यों कर्ज लिया था और क्या था पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें-

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Published : Nov 12, 2022, 8:09 PM IST

जहानाबाद: आप पैसों से चाहे कितने ही अमीर बन जाओ, लेकिन दिल से अमीर होना जरूरी है. इस बात को जहानाबाद के जिला जज राकेश कुमार सिंह बखूबी समझते है. शायद इसलिए जहानाबाद जिला जज (Jehanabad District Judge) राकेश कुमार सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचे एक बुजुर्ग की मदद की. जज की दरियादिली देख आज हर कोई उनकी प्रशंसा कर रहा है.

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देखें वीडियो.

दरअसल, राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचे बुजुर्ग ने जब कर्ज के 18 हजार रुपए नहीं भर पाने की वजह बताई तो जज साहब ने उस बुजुर्ग की दशा देखकर उसकी मदद की. बुजुर्ग को 18 हज़ार रुपए कर्ज लिए थे और उन्हें बैंक को कर्ज लौटाना था. राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचे बुजुर्ग ने बताया कि बेटी की शादी के लिए लोन लिया था. लेकिन वो बैंक का कर्ज नहीं चुका पाया. शादी के बाद से वह और कर्ज में डूब गया था. उसके पास कर्ज लौटाने के लिए पैसे नहीं है.

''हम लड़की की शादी के लिए कर्ज लिए थे. लेकिन हम कर्ज चुका नहीं सके. हमपर नोटिस हो गया. हम कर्ज में 5 हजार रुपया लेकर यहां आए थे. हमारे पास 18 हजार रुपए नहीं था. जज साहब सुनवाई के लिए आए तो उन्होंने हमसे कहा कि हम 10 हजार दे देंगे.''- राजेन्द्र चौहान, बुजुर्ग कर्जदार

जज साहब ने 10 हजार रुपए पॉकेट से देकर बुजुर्ग का लोन चुकाया: बुजुर्ग ने बताया कि वह अपने साथ 5 हजार रुपए लेकर आया है. जबकि साथ आए युवक ने भी अपने पास तीन हजार रुपए रखा हुआ था. अदालत का फैसला बैंक के पक्ष में था. लेकिन जज साहब दिल से बुजुर्ग की मदद भी करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने अपनी तरफ से 10 हजार रुपए मिलाकर उसको कर्ज से मुक्ति दिलाई. बुजुर्ग के साथ आए युवक ने भी तीन हजार रुपए उसे दे दिए. इसतरह बैंक का कर्ज भी चुकता हो गया.

जहानाबाद जिला जज राकेश कुमार सिंह की दरियादिली बुजुर्ग के दिल में बैठ गयी है. 5 हजार रुपए कर्ज लेकर कर्ज भरने के लिए बुजुर्ग लोक अदालत में पहुंचा था. लेकिन जज साहब के इस नम्र व्यवहार को देखकर अपने आंखों से आंसू रोक नहीं पा रहा. जज साहब ने तो इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया लेकिन गरीब बुजुर्ग धन्यवाद देते नहीं थक रहा है.

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