यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को जेडीयू ने दिया ये चैलेंज पटना: जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमारने अपने सरकारी आवास पर मोहम्मद बोध पाठ का आयोजन किया. जिसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मैं भी नाथ संप्रदाय से हूं. मैंने दीक्षा ली है. नाथ संप्रदाय में दीक्षा लेने के बाद मोहम्मद बोध पाठ पढ़ने को कहा जाता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मोहम्मद बोध पाठ पढ़ते होंगे. भाजपा नेताओं को भी पढ़ना चाहिए. योगी आदित्यनाथ को भी लोगों को बताना चाहिए कि वो मोहम्मद बोध पाठ पढ़ते हैं.
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''आज ईद का दिन है और परशुराम जयंती है. साझी संस्कृति का हमने परिचय दिया कि मोहम्मद बोध जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी जिसके दीक्षित हैं. कुंडलधारी हैं. रमजान के दौरान मोहम्मद बोध का पाठ किया जाता है और कहा जाता है कि राम तो रहीम हैं. हिंदू के गुरू, मुसलमान के पीर 786 बार जो इसका पाठ करता है उसको मनोवांछित फल मिलता है. योगी आदित्यनाथ को मानने वाले लोग, मोहम्मद बोध का सार्वजनिक पाठ करें. तब यह माना जाएगा कि आप योगी जी परंपरा में विश्वास करते हैं. योगी जी की विचारधारा में विश्वास करते हैं. साथ ही हमारी उम्मीद है कि योगी जी सार्वजनिक रूप से मोहम्मद बोध का पाठ करें. जिससे यह संदेश जाये कि हिंदू और मुस्लमानों के जो पीर होते हैं उनकी आराधना सब मिल कर करते हैं.''- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू
'योगी को सार्वजनिक मोहम्मद बोध पाठ करने का चैलेंज': नीरज कुमार ने आगे कहा कि ''योगी जी को हमने आइना दिखाने का काम किया हैं. अकेले में तो वो मोहम्मद बोध का पाठ करते हैं. लेकिन बाद में जिसके नाम के आगे मोहम्मद लग जाए उसके खिलाफ अनाप शनाप बोल रहे हैं.'' वहीं अतीक अहमद के सवाल पर नीरज कुमार ने कहा कि ''वो दुर्दांत अपराधी हैं. लेकिन बीजेपी को यह साफ करना होगा कि अतीक अहमद का आप राजनीतिकरण कर रहे हैं तो बीजेपी का मार्गदर्शक मंडल 2008 में न्यूक्लियर डील के समय कैसे समाजवादी पार्टी के सांसद अतीक अहमद ने कैसे बीजेपी की मदद की थी. यह खुलासा जरूर होना चाहिए.''
'नाथ संप्रदाय में मोहम्मद बोध पाठ का महत्व': जदयू का मानना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय से आते हैं और उन्होंने जब 786 बार मोहम्मद पाठ का उच्चारण किया होगा तभी मुख्यमंत्री बने होंगे. ईद के मौके पर भी भाजपा नेताओं को दरियादिली दिखाते हुए मोहम्मद बोध का पाठ कर मुसलमान भाइयों को गले लगाना चाहिए.
क्या है मोहम्मद बोध पाठ?: दरअसल नाथ संप्रदाय के लोग मोहम्मद बोध का पाठ करते हैं. मोहम्मद बोध पाठ में कहा गया है कि राम तो रहीम है. ओम तो मोहम्मद हैं. शीश तो मसीद है, सिर तो मदार है, कान तो कुरान है, नैन तो नबी है, कदम तो रसूल है, पिंड तो पाक है, मुख तो मक्का है, हाथ तो हजरत है, पेट तो दोजग है, कदम तो रसूल है, पिंड तो पाक है, परवरदिगार है, अकल तो पीर है, मन तो मरीद है, तन तो शहीद है, गुस्सा हराम है.