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बिहार में नई सरकार बनाने का दावा पेश, दोपहर 2 बजे होगा शपथ ग्रहण समारोह

नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा सौंप दिया है. साथ ही उन्होंने सरकार बनाने का भी दावा पेश किया. बुधवार दोपहर 2 बजे नई सरकार का शपथग्रहण समारोह होगा.

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Crucial Day For Bihar Politics

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Published : Aug 9, 2022, 10:09 AM IST

Updated : Aug 9, 2022, 10:08 PM IST

पटना:बिहार मेंजेडीयू और बीजेपी के बीच गठबंधन टूट गया (JDU BJP Alliance in Bihar) है. सभी अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने इसी बीच 164 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपकर सरकार बनाने का भी दावा पेश किया है. बुधवार को दोपहर 2 बजे ही शपथ ग्रहण समारोह होगा. राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि- 'हमारे पार्टी के एमपी एमएलए के विचार विमर्श से ये इच्छा हुई है कि हम लोगों को NDA छोड़ देना चाहिए. इसलिए हमने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया'

164 विधायकों का समर्थन- नीतीश कुमार : सरकार का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास सात पार्टियों का समर्थन है. इसमें 164 विधायक शामिल हैं. हम लोग मिलकर काम करेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. इसी के साथ नीतीश कुमार ने बीजेपी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ''हमारे पार्टी के नेताओं ने मिलकर यह फैसला लिया है कि हम उनसे अलग हो जाएं. यह पार्टी का फैसला है. हमारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर स्टैंड एक है.'' हालांकि, शपथग्रहण के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि, जल्द ही नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह भी होगा. लेकिन ये कब होगा, अभी यह स्पष्ट नहीं. राज्यपाल जो भी तारीख तय करेंगे, उस दिन ये समारोह किया जाएगा.

कार्यकारी मुख्यमंत्री नीतीश का बयान



बीजेपी की साजिश सभी को पता- तेजस्वी : तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार की जनता ने विपक्ष को संदेश दे दिया है कि जो मजबूती से जनता के सवालों के लिए लड़ता है, उसका साथ दिया जाता है. उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ने के लिए नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया. तेजस्वी ने कहा है कि ''बीजेपी ने साजिश के तहत पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया था. पंजाब में अकाली के साथ भी ऐसा ही किया गया.''

नीतीश कुमार ने निडर होकर फैसला किया- तेजस्वी : आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जनता विकल्प चाहती है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, प्रधानमंत्री के सामने इसकी मांग की गई थी. देश में महंगाई और बेरोजगारी से लोग त्रस्त है. हमें देश के संविधान को बचाना है. इतना ही नहीं, तेजस्वी ने आरोप लगाया कि देश के माहौल को खराब किया जा रहा है. उन्होंने नीतीश कुमार की तारीफ भी की. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार ने निडर होकर निर्णय लिया है.

साथ ही, आरजे़ी नेता तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार और बीजेपी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि ''बीजेपी का एक ही काम कर रही है, जिसे डराना है डराओ और जिसे खरीदना है खरीदो. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि हमा क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त कर देंगे मतलब विपक्ष को समाप्त करेंगे.''

नीतीश की पीएम उम्मीदवारी पर तेजस्वी ने क्या कहा? : तेजस्वी ने आगे कहा कि, हम चाचा-भतीजा लोग हैं. हर घर में लड़ाई होती है उस पर ध्यान नहीं देना है. देश में अराजकता का माहौल है. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार सबसे परिपक्व नेता हैं. प्रधानमंत्री वाले सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि इस सवाल का जवाब मैं नीतीश जी पर छोड़ता हूं.

नीतीश चुने गए महागठबंधन के नेता: नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुन लिया गया है. महागठबंधन के नेताओं के साथ हुई बैठक में इसका फैसला हुआ. इस बीच, तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के साथ राजभवन के लिए रवाना हो गए. जहां राज्यपाल को समर्थन का पत्र सौंपेंगे.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद का बयान

इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और एनडीए छोड़ने के बाद नीतीश कुमार पार्टी नेता तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य नेताओं से मुलाकात करने के लिए आरजेडी नेता राबड़ी देवी के आवास पर गए. इस दौरान सभी ने आगे की रणनीति पर चर्चा की. नीतीश कुमार के साथ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी मौजूद रहे. इस बीच, सूत्रों की माने तो बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता राबड़ी देवी से कहा कि '2017 में जो हुआ उसे भूल जाइए और एक नया अध्याय शुरू कीजिए.'

''आज जो कुछ भी हुआ है वो बिहार की जनता और भीजेपी के साथ धोखा हुआ है. 2005 के विरूद्ध मैंडेट था. जो कुछ भी आज हुआ है वो न सिर्फ भाजपा, बल्कि बिहार की जनता के साथ धोखा हुआ है. जो कुछ भी हुआ है, उसका बेहतर जवाब नीतीश जी दे सकते हैं.''- संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

राबड़ी देवी से मिलने पहुंचे नीतीश कुमार: राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद सीएम नीतीश कुमार अब पटना में राबड़ी देवी के आवास पर हैं जहां बड़ी बैठक चल रही है. इस बीच खबर यह भी है कि कुछ देर बाद नीतीश-तेजस्वी एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं.

तेजस्वी बनेंगे डिप्टी सीएम, नीतीश होंगे सीएम: बता दें कि जेडीयू की विधायक दल के बैठक में यह फैसला लिया गया. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) राज्यपाल फागू चौहान से मिलने राजभवन पहुंचे थे. जहां उन्होंने इस्तीफा देकर सरकार बनाने का दावा भी पेश किया. नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंप चुके हैं. वहीं, महागठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन देने का फैसला हो गया है. कांग्रेस और माले ने अपना अपना समर्थन पत्र सौंप दिया है. नीतीश कुमार सीएम बने रहेंगे जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बनेंगे.

'बिहार को वापस जंगल राज में ढकेलने का प्रयास कर रहे हैं नीतीश' : केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार के विकास और एनडीए गठबंधन बनाए रखने के लिए भाजपा की तरफ से लगातार और बार-बार कुर्बानी देने का दावा करते हुए यह आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार को छोड़कर नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार को वापस जंगल राज की तरफ ढकेलने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता इस बार ऐसे लोगों को गड्ढे में ढकेलने का काम करने जा रही है. अश्विनी चौबे ने यह कहते हुए भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा कि,' जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है.'


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2013 से ही धोखा दे रही है बीजेपी - नीतीश : बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के फैसले के बाद से जेडीयू बीजेपी पर हमलावर हो गई है. जेडीयू विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी साल 2013 से ही धोखा दे रही है. इतना ही नहीं, बीजेपी ने जेडीयू को खत्म करने की साजिश रची. इसके साथ ही हमेशा बीजेपी ने अपमानित किया. नीतीश ने कहा कि आरसीपी सिंह के जरिये जेडीयू को कमजोर करने की कोशिश की गई. आरसीपी सिंह को बिना पूछे केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया. बीजेपी लगातार जेडीयू को कमजोर कर रही थी.

'हम खुद को ठगा महसूस कर रहे थे' : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक के दौरान विधायकों से कहा कि भाजपा के साथ हम लोग ठगा महसूस कर रहे थे. 2019 में भी मंत्री बनाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं मिला. 2020 के चुनाव में चिराग पासवान के जरिए हमें कमजोर करने की कोशिश की गई और अभी हमारे विधायकों को तोड़ने की साजिश चल रही थी. पार्टी को एकजुट रखना मुश्किल था ऐसे में हमने भाजपा से अलग होने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री की पहल को तमाम विधायकों और सांसदों ने एकजुट होकर समर्थन दिया नेताओं ने फैसले के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया.

बिहार में नये गठबंधन में नई सरकार तय: इनसब उथल पुथल के बीच उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्वीट कर ये क्लियर कर दिया है कि बिहार में नए गठबंधन के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है. उन्होंने सीएम नीतीश को शुभकामनाएं और बधाई देते हुए लिखा है कि- 'नये स्वरूप में नये गठबंधन के नेतृत्व की जवाबदेही के लिए नीतीश कुमार जी को बधाई. नीतीश जी आगे बढ़िए. देश आपका इंतजार कर कर रहा है.'

नीतीश कुमार शाम 4 बजे राज्यपाल से मिलेंगे : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा था. सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार को राज्यपाल से मिलने के लिए आज शाम चार बजे का समय मिला है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सीएम नीतश दोपहर पैदल ही एक अणे मार्ग ससे राजभवन के लिए रवाना होंगे. इधर, बिहार में तमाम सियासी अटकलों के बीच राजभवन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खबर है कि महागठबंधन के घटक दल की बैठक के बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में तमाम नेता मुख्यमंत्री आवास पहुंच सकते हैं. वहीं आरजेडी की तरफ से खबर आ रही है कि राजद विधायक दल की बैठक में विधायकों ने मांग की है कि डिप्टी सीएम के साथ गृह विभाग भी तेजस्वी यादव अपने पास रखें. बताया जा रहा है कि आरजेडी विधायक दल की बैठक में यह भी मांग उठी की स्पीकर का पद भी राजद को मिले. महागठबंधन के घटक दल सीपीआई माले को एक मंत्री पद दिए जाने की चर्चा है. जबकि कांग्रेस को दो से तीन मंत्री पद मिल सकता है.

कांग्रेस और वाम दलों ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को अपने विधायकों की लिस्ट सौंपी. राबड़ी देवी के आवास पर हो रही आरजेडी की बैठक में कांग्रेस और वाम दलों के विधायक भी मौजूद रहे. इस दौरान तेजस्वी यादव को अपनी लिस्ट सौंपी गई. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा, "हम नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे, अगर वह भाजपा छोड़ देते हैं और महागठबंधन की मदद से नई सरकार बनाते हैं. हमने अपनी पार्टी के सभी 19 विधायकों की लिस्ट राजद नेता तेजस्वी यादव को सौंप दी है." भाकपा (माले) के विधायक महबूब आलम ने कहा : "हमने तेजस्वी यादव को अपने विधायकों की लिस्ट दे दी है. हम भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे. हम नई सरकार के गठन के लिए नीतीश कुमार को समर्थन दे रहे हैं."


बीजेपी ने शाम पांच बजे कोर ग्रुप की मीटिंग बुलाई:सूत्रों की मानें तो बीजेपी के सभी मंत्री राज्यपाल के पास जाकर इस्तीफा सौंप सकते हैं. बीजेपी कोटे के सभी मंत्री एक साथ डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद के घर से राज्यपाल के पास जा सकते हैं. फिलहाल सभी की नजर सीएम नीतीश कुमार के फैसले पर है. इस बीच पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के आवास पर बैठक की.

अभी तो मैं मंत्री हूं-शाहनवाज हुसैन:बिहार में सरकार बदलने की खबरों के बीच उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अभी तो मैं मंत्री हूं. मैं पटना जा रहा हूं. उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज है. बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर शाहनवाज ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की पूर्ववर्ती सरकार पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा 'अब अपहरण वाला नहीं सुपर-30 वाला बिहार है.'

शाम 4 बजे हम विधायक दल की बैठक : जीतन राम मांझी की पार्टी ने विधायक दल की बैठक का समय बदल दिया गया है. हम विधायक दल की बैठक अब शाम 4 बजे होगी. हम प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने रविवार को कहा था कि 9 अगस्त को HAM विधायक दल की बैठक होगी. यह बैठक पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के पटना आवास पर बैठक होगी. बैठक में राज्य के वर्तमान राजनैतिक स्थिति को लेकर चर्चा होगी.

लालू यादव से मिलने पहुंचे प्रेमचंद गुप्ता:बिहार में में सीएम आवास और राबड़ी आवास पर हलचल के बीच दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर हलचल है. यहां आरजेडी से राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता लालू यादव से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं.

बीजेपी से अलग होकर सरकार बनाना आसान:बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. महागठबंधन खेमे में अभी 114 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें आरजेडी के 79 विधायक, कांग्रेस के 19 विधायक, माले के 12 विधायक, सीपीआई के दो और सीपीएम के दो विधायक शामिल हैं. बहुमत से महागठबंधन खेमा अभी 8 विधायक दूर है लेकिन नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर निकलने के बाद महागठबंधन के विधायकों की संख्या बढ़कर बहुमत से काफी अधिक हो जाएगी. यह संख्या बढ़कर 159 तक पहुंच जाएगी.

बहुमत के साथ नीतीश बना सकते हैं सरकार: इसमें से यदि जीतन राम मांझी के चार, एक निर्दलीय विधायक को भी जोड़ दें तो यह संख्या 164 तक पहुंच जाएगी, जो बहुमत के 122 के आंकड़े से काफी अधिक है. संख्या बल के हिसाब से सरकार (Bihar Political equation) बनाने में कहीं कोई परेशानी आने वाली नहीं है. अभी एनडीए के पास 127 विधायकों का समर्थन है और उस संख्या से नया समीकरण यदि बनता है तो वह काफी अधिक होगा.

यह है बिहार सरकार का राजनीतिक समीकरण:फिलहाल बिहार में डबल इंजन की सरकार है. बीजेपी और जदयू के साथ ही अन्य सहयोगियों की मदद से सरकार चल रही है. एनडीए में अभी बीजेपी के 77, जदयू के 45, हम के 04 और 01 निर्दलीय विधायक हैं. कुल विधायाकों की संख्या 127 है. वहीं अगर सीएम नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो जाते हैं तो कुछ इस तरह के समीकरण देखने को मिलेंगे. राजद के 79, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, माले के 12, सीपीआई के 02, सीपीएम के 01 और 01 निर्दलीय विधायकों की संख्या होगी जो कुल 159 है. इसमें हम के 4 विधायक जोड़ दें तो यह संख्या 163 हो जाएगी.

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Last Updated : Aug 9, 2022, 10:08 PM IST

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