पटना :उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है. उम्मीद यही है कि जिस योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की बदौलत जनता सेवा की तपस्या पांच सालों तक बीजेपी ने की है, उसका फल बीजेपी को मिलेगा. लेकिन यहीं से सियासी विभेद भी बीजेपी के साथ खड़ा होता जा रहा है.
उसमें दो अपने इस कदर उलझे हैं कि एक को मनाते हैं तो दूसरा रूठ जाता है. राम को मन में रखकर चलने की सियासत मजबूत हुई नहीं कि 'हनुमान' बनने की राजनीति शुरू हो गई है.
राम-हनुमान की राजनीति
बिहार की सियासत में 2020 का चुनाव समझौते और गठबंधन के साथ होने और विरोध को लेकर एक ऐसे द्वंद की कहानी लिख गया है, जिसकी राजनीतिक पटकथा हर चुनाव में एक नई कहानी कह देती है. चिराग पासवान, नीतीश के विरोध में खड़े हुए तो बिहार की राजनीति में नीतीश को घाटा हो गया. कहा यह भी गया कि बीजेपी की शह पर चिराग ने ऐसा किया था.
नीतीश की राजनीति को पटखनी के लिए लोजपा की सियासत जो चिराग से जुड़ी थी, उसे नीतीश ने बेपटरी कर दिया. नीतीश को लेकर जिस खेल पर चिराग उतरे थे उसकी स्क्रिप्ट चाहे जिसने लिखी हो, लेकिन नीतीश ने उस सियासत को ही चित कर दिया. हालांकि अब चिराग पासवान भी इस बात को सार्वजनिक मंच से कहने लगे हैं कि 'हनुमान' का जो हाल किया जा रहा है, उसे देखकर राम चुप नहीं रहेंगे.
विभेद की सियासत
आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू ने एलान कर दिया है कि वह 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस राम की सियासत से बीजेपी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भगवा रंग को लहराना चाहती है, उसमें विभेद की सियासत तो नहीं खड़े कर दिए गए हैं.
बीजेपी पर व्यापक असर
बीजेपी के लिए बिहार में चिराग पासवान 'हनुमान' बने तो बिहार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी बन गई. अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर 200 सीटों पर जदयू फ्रेंडली मैच खेल गई तो भगवान मालिक है कि बीजेपी का क्या होगा. दरअसल, राम की सियासत को बीजेपी उत्तर प्रदेश में योगी की तपस्या से अपने झोली में डालना चाहती है. जबकि विकास के पैमाने पर पूरे देश में नरेंद्र मोदी का नाम चल रहा है, और बिहार में दो इंजन की सरकार चल रही है.
ऐसे में विकास के जिस मॉडल को बुनियाद के तौर पर उत्तर प्रदेश में रखा जाता है अगर उसे नीतीश कुमार की पार्टी लेकर उतर गई तो बीजेपी को बताने के लिए बहुत कुछ नहीं होगा. बिहार में बीजेपी के 'हनुमान' ने कह दिया कि उनके साथ जो हो रहा है उसे देखकर राम चुप नहीं रहेंगे. सियासत का इशारा बड़ा साफ है. 'हनुमान' परेशान होंगे तो राम बीजेपी को बहुत कुछ नहीं देंगे.
विरोध के जिस द्वंद्व को चिराग ने कहा उसके कुछ दिन बाद ही जदयू ने 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया. अब इस सियासत से बीजेपी कैसे निपटेगी. यह निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए चुनौती भी है और चिंता भी.
यूपी में नीतीश किसके 'हनुमान'?
उत्तर प्रदेश के चुनाव में जदयू ने 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया तो चर्चा शुरू हो गई कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए नीतीश कुमार किसी ऐसे चिराग की लौ न बन जाएं, जिससे बीजेपी ने जो घर बनाया है उसमें आग लग जाए, जिसे बुझा पाना ही मुश्किल हो जाए.