बेंगलुरु : कर्नाटक में जेडीएस और भाजपा के बीच गठबंधन करीब-करीब तय हो गया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इसके संकेत दे दिए हैं. कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने भी ऐसे संकेत दिए थे. जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी भी इस ओर इशारे करते रहे हैं.
अभी कुछ दिन पहले ही जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई थी. हालांकि, उस बैठक के बाद कुछ भी जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन राजनीति में इस तरह की बैठकों के मायने निकाले जाते हैं. माना यह जा रहा है कि दोनों से बीच सैद्धान्तिक सहमति हो चुकी है. ऐलान समय आने पर होगा.
खुद बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इन बैठकों को वह सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं. हां, अब दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर सहमति बनाना इतना आसान नहीं है. वह भी तब जबकि भाजपा लोकसभा सीटों के हिसाब से कर्नाटक में अच्छी स्थिति में है. उसे 28 में से 25 सीटों पर जीत मिली थी. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कुछ सीटों पर जिसको लेकर जेडीएस दावा कर रही है, भाजपा उतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. जेडीएस चाहती है कि उसे मांड्या, हासन, बेंगुलरु, चिकब्बलापुर और तुमाकुरु सीट दी जाए.
वैसे, राजनीतिक रूप से देखें, तो इनमें से हासन, मांड्या, तुमाकुरु और बेंगुलरु (ग्रामीण) सीट पर जेडीएस की स्थिति अच्छी रही है और देवेगौड़ा परिवार के सदस्य यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं. हासन से देवेगौड़ा के पोते चुनाव लड़ चुके हैं. बेंगलुरु ग्रामीण से एचडी कुमार स्वामी की पत्नी उम्मीदवार रह चुकी हैं. मांड्या से कुमारस्वामी के बेटे और तुमकुर से खुद देवेगौड़ा चुनाव लड़ते रहे हैं. इन सीटों पर वोक्कालिगा समुदाय का खासा प्रभाव है.