नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केंद्र सरकार ग्लोबल चैंपियन बनाने की कल्पना पर काम कर रही है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट के अलावा आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक अलग से हुई, जिसमें कई फैसले लिए गए हैं.
जावड़ेकर ने बताया कि देश में विनिर्माण जीडीपी का महज 16 फीसदी है, इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत को विनिर्माण का हब बनाना है, इसके लिए कई प्रयास भी किए गए हैं, लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिली है. इसे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं.
जावड़ेकर ने बताया कि देश में उत्पादन के 10 प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. यह राशि लगभग दो लाख करोड़ रुपये होगी. इससे उत्पादन, रोजगार और निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी.
उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि का अनुमानित ब्योरा देते हुए जावड़ेकर ने बताया कि डायरेक्ट उत्पादन और निवेश के बाद इन 10 क्षेत्रों में केंद्र की ओर से 4, 5, 6 फीसदी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि आर्थिक मदद के रूप में दी जाएगी. उन्होंने इन 10 विनिर्माण क्षेत्रों के नाम भी गिनाए-
- एडवांस केमेस्ट्री और सेल बैट्री 18,100 करोड़ रुपये
- इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट 5,000 करोड़
- ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स 57 हजार करोड़ रुपये
- फार्मा एंड ड्रग्स 15 हजार करोड़ रुपये
- टेलीकॉम एंड नेटवर्किंग 12 हजार करोड़ रुपये
- टेक्सटाइल और फूड प्रॉडक्ट्स 10 हजार करोड़ रुपये
- सोलर तकीनीक 4500 करोड़ रुपये
- एसी और एलईडी 6200 करोड़ रुपये
- स्पेशिएलिटी स्टील 6300 करोड़ रुपये
उन्होंने कहा कि इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मदद मिलेगी. स्वदेशी मोबाइल कंपनियों का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने बताया कि विदेशी निवेश के तहत कई विदेशी कंपनियां भारत आई हैं. केंद्र सरकार के नए फैसलों से लावा, माइक्रोमैक्स, जेन जैसी कंपनियों को लाभ मिलेगा. सरकार की कल्पना ग्लोबल चैंपियन बनाने की है.