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जापान समुद्र में छोड़ेगा ट्रीटेड रेडियोधर्मी-पानी - चीन जापान

स्थानीय मछुआरों और चीन से लगातार विरोध के बावजूद, जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने मंगलवार को कहा कि उनका देश गुरुवार को फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से ट्रीटेड रेडियोधर्मी-पानी छोड़ना शुरू कर देगा.

Fukushima nuclear plant
प्रतिकात्मक तस्वीर

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Published : Aug 22, 2023, 1:14 PM IST

Updated : Aug 22, 2023, 1:26 PM IST

टोक्यो : जापान ने मंगलवार को कहा कि वह 24 अगस्त को मलबे वाले फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से 1 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक ट्रीटेड रेडियोधर्मी पानी को जारी करना शुरू कर देगा. जापान ने हाल के दिनों में चीन ने इस योजना की काफी मजबूती से आलोचना की है. बता दें कि परमाणु आपदा के बाद से, एक हजार से अधिक टैंकों में साइट पर पानी संग्रहीत किया गया है. इसका इलाज एक उन्नत तरल प्रसंस्करण प्रणाली का उपयोग करके किया गया है, जिसे माना जाता है कि सभी रेडियोन्यूक्लाइड्स को हटाने में सक्षम है.

दो साल पहले जापानी सरकार ने टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी की ओर से संचालित संयंत्र से पानी को कम करने के लिए दो साल पहले मंजूरी दे दी थी. हालांकि, सरकार के इस फैसले से स्थानीय मछली पकड़ने के समूह भी नाराज था. प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मंगलवार सुबह कहा कि मैंने TEPCO को परमाणु विनियमन प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित योजना के अनुसार पानी निकालने के लिए तेजी से तैयारी करने के लिए कहा है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि 24 अगस्त को पानी निकालने का काम शुरू हो जायेगा. यदि मौसम की स्थितियां सामान्य रही.

इस घोषणा से पहले सोमवार को जापान सरकार ने कहा कि हम मछली पकड़ने वाले समूह की चिंताओं से वाकिफ हैं. हम जानते हैं कि उन्हें डर है कि इससे उनकी आजीविका बर्बाद हो जायेगी. सरकार की ओर से कहा गया कि मैं वादा करता हूं कि हम मछुआरों के उद्योग को सुरक्षित रखने की पूरी जिम्मेदारी ले लेंगे. वह अपना जीवन यापन करना जारी रख सकता है, भले ही इसमें दशकों लगेंगे.

जापान सरकार की ओर से कहा गया है कि छोड़ा जाने वाला पानी सुरक्षित है. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA), यू.एन. न्यूक्लियर वॉचडॉग, ने जुलाई में योजना को ग्रीनलाइट करते हुए कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है और इसका प्रभाव लोगों और पर्यावरण पर लगभग नगण्य होगा. हालांकि, कुछ पड़ोसी देशों ने योजना की सुरक्षा पर संदेह व्यक्त किया है जिसमें चीन भी शामिल है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने जुलाई में कहा था कि जापान ने स्वार्थ और अहंकार दिखाया है. चीन ने आरोप लगाया कि इसपर फैसला करने से पहले अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पूरी तरह से परामर्श नहीं किया.

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चीन ने फुकुशिमा और टोक्यो सहित जापान के 10 प्रांतों से समुद्री भोजन आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. अन्य प्रान्तों से समुद्री भोजन आयात की अनुमति है, लेकिन उन्हें रेडियोधर्मिता टेस्ट को पास करना होगा. साथ ही एक प्रमाण पत्र को भी अनिवार्य किया गया है. जिसमें इस बात का प्रमाण होगा कि वे 10 प्रतिबंधित प्रान्तों के बाहर उत्पादित किए गए थे. दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं ने भी योजना का विरोध किया है, हालांकि सियोल ने अपने स्वयं के अध्ययन से निष्कर्ष निकाला है कि पानी छोड़ने में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का ख्याल रखा गया है. यह IAEA के मूल्यांकन का सम्मान करता है.

Last Updated : Aug 22, 2023, 1:26 PM IST

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