श्रीनगर : रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. वहीं, रूस पर हाल के प्रतिबंधों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में उछाल (Russia-Ukraine war pushed up gold price) आया है. इसका सीधा असर सोना बाजार पर पड़ा है. ईटीवी भारत से इस बारे में श्रीनगर के सोना व्यापारी ने बात की.
श्रीनगर के जाने-माने सोना कारोबारी शब्बीर अफजल गोजवारी ने कहा, 'सोने की कीमत में उछाल के कारण पिछले कुछ दिनों से जेवरातों बिक्री नहीं हुई है. खरीदार हमारे पास सोना बेचने के लिए आ रहे हैं न कि खरीदने के लिए. अब सोने की कीमत तभी कम होगी, जब युद्ध बंद होगा. उन्होंने कहा कि ग्राहकों के लिए सोना संपत्ति माना जाता है. इसलिए लोग सोना खरीदते हैं, लेकिन सोने की कीमत बढ़ने से कारोबारियों को नुकसान होने लगता है. सोने की बिक्री कम जाती है. इस बार लगभग 95 प्रतिशत बिक्री गिर गई है.
उन्होंने बताया कि जब युद्ध शुरू हुआ था, तब सोने की कीमत 51,500 रुपये से 51,900 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. युद्ध के 16 घंटे के भीतर सोने की कीमत चार लाख रुपये प्रति एक किलो हो गई. लेकिन जब स्थिति थोड़ी नियंत्रित हुई, तब सोने की कीमत गिरकर तीन लाख रुपए प्रति एक किलो पर आ गई. दिलचस्प बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया और चीन के बाद रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है. इसलिए, रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों से वैश्विक आपूर्ति मजबूत होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 'फिलहाल वे ही लोग सोना खरीदेंगे, जिन्हें आवश्यक है. अब लोग सोने की कीमत पर नजर रख रहे हैं.
इस बीच, एक अन्य जौहरी इश्फाक जावेद जरगर ने भी ईटीवी भारत के साथ सोने के बाजार के बारे में इसी तरह की चिंताओं और आशंकाओं को साझा किया. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से, महामारी के कारण सोने का कोई खास कारोबार नहीं हुआ है. शादी-विवाह में अच्छे कारोबार की बहुत उम्मीद थी, लेकिन युद्ध ने वर्तमान का परिदृश्य ही बदल दिया है. उन्होंने कहा कि अगले दो महीने में यहां शादी-विवाह का सीजन शुरू हो जाएगा. आमतौर पर इस सीजन में सोने की खूब बिक्री होती थी, लेकिन आज बिक्री लगभग शून्य के समान है.
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