नई दिल्ली :केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से परिसीमन आयोग का गठन किया गया है. आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए आरक्षित कर सात नई विधानसभा सीटों के प्रस्ताव रखे हैं. जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. इस पर कई दलों ने आपत्ति जताई और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वह रिपोर्ट पर इसके वर्तमान स्वरूप में हस्ताक्षर नहीं करेगी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा है कि चाहे वह परिसीमन आयोग हो या निर्वाचन आयोग, यह स्वायत संस्थाएं हैं जिनकी अपनी शक्तियां हैं.
ईटीवी भारत ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन के संबंध में वाम दल सांसद बिनॉय बिस्वम और तृणमूल सांसद डोला बनर्जी से बात की. सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, विपक्ष की एकता के लिए खड़ी है. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता भाजपा की निरंकुश और फासीवादी ताकतों के खिलाफ होनी चाहिए. हम ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे जो विपक्ष की एकता के खिलाफ हो.
तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन ने कहा, जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, हमने तभी कहा था कि इस तरह के फैसले जनता से सलाह-मशविरा करके ही लिए जाएं. उन्होंने कहा कि जब हम जम्मू-कश्मीर गए तो स्थानीय लोग जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से खुश नहीं थे.
जम्मू-कश्मीर पर परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट को गुपकार घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने 'विभाजनकारी और अस्वीकार्य' करार दिया. इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी अगले 10 दिन में दस्तावेज और साक्ष्यों के साथ अपनी आपत्ति दर्ज कराएगी.
पीएजीडी के मुख्य प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर को घृणा के सिवा और कुछ नहीं दे सकती और वह समुदायों के बीच 'दरार पैदा कर रही' है.
जम्मू में सीटों की संख्या बढ़ाने पर आपत्ति पर उठाये गए सवाल के जवाब में तारिगामी ने कहा, 'जम्मू हमारा है और हम उसका भी प्रतिनिधित्व करने के लिए यहां हैं.' उन्होंने कहा, '(परिसीमन की प्रक्रिया के लिए) कुछ मानदंड होने चाहिए. जनगणना 2011 में हुई थी और उसे आधार बनाया गया है.' वर्तमान में कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू में 37 सीटें हैं.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू क्षेत्र की जनसंख्या 53.72 लाख और कश्मीर की जनसंख्या 68.83 लाख है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी, दस्तावेजी साक्ष्य सहित अपनी आपत्ति अगले 10 दिन में दर्ज कराएगी.
तारिगामी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून-2019 के तहत गठित परिसीमन आयोग स्वयं सवालों के घेरे में है, क्योंकि पुनर्गठन कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा, 'आयोग का गठन न्यायालय की अवमानना के समान है और जब मामला विचाराधीन है, तो भारत सरकार ऐसा कैसे कर सकती है.'