श्रीनगर: 2014 में एक लॉ स्टूडेंट पर एसिड हमले में दो लोगों को दोषी ठहराए जाने के दो दिन बाद श्रीनगर की एक अदालत ने शनिवार को सजा को लेकर पर अपना फैसला 22 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया है. सजा 22 अगस्त को सुनाई जाएगी. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय श्रीनगर जवाद अहमद ने गुरुवार को आरोपियों इरशाद अमीन वानी उर्फ सनी और मुहम्मद उमर नूर को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध का दोषी ठहराया था.
सुनावाई के दौरान आज पीड़िता के वकील अब्दुल तेली ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने की मांग की. वहीं आरोपी के वकील इमरान ने परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को दस साल की सजा दिए जाने पर जोर दिया. आरोपी इमरान के वकील ने दावा किया कि आरोपी इरशाद ने जेल में रहते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त की और अब अन्य कैदियों की भी मदद करता है. उसने अपने जीवन के नौ साल जेल में ही बर्बाद कर दिए हैं.
इसी क्रम में बचाव पक्ष के वकील ने आगे कहा कि इरशाद के बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. इस पर पीड़िता के वकील ने कहा कि दोनों आरोपियों के नौ साल उनकी वजह से बर्बाद हो गए 'और पीड़िता की पूरी जिंदगी उनकी (आरोपियों) वजह से बर्बाद हो गई. तमाम दलीलें सुनने के बाद जज ने पीड़ित महिला और दोनों आरोपियों को एक मौका दिया. वहीं पीड़िता ने दावा किया कि उसे अब तक 28 सर्जरी से गुजरना पड़ा है और आने वाले महीनों में और भी सर्जरी होंगी. साथ ही इन सर्जरी पर अब तक 38 लाख रुपये का खर्च हो चुके हैं.
उसने कहा कि मैं कॉलेज टॉपर थी और आज उन्हीं की वजह से विकलांग हूं. मेरे पिता को पिछले वर्षों में तीन बार दिल का दौरा पड़ा और हमारी सारी बचत इलाज पर खर्च हो गई. उसने कहा कि कानूनी सेल ने मुकदमे के दौरान उनकी आर्थिक मदद की. उसने आगे कहा, 'मुझे विश्वास था कि वे सुधर गए हैं. (लेकिन) वे मुझे लगातार धमकी दे रहे हैं. यहां तक कि वे शादी के लिए भी प्रपोज कर रहे हैं. उन्हें आजीवन कारावास से कम कुछ नहीं मिलना चाहिए. बता दें कि मामला 2014 का है जब 11 दिसंबर 2014 को नौशेरा श्रीनगर में दो आरोपियों ने 20 वर्षीय महिला पर तेजाब से हमला कर दिया था. आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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