श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हाल में ही जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में कुछ महत्वपूर्ण खुलासे किए गए हैं. इसे इस महीने की 4 तारीख को जारी किया गया था. रिपोर्ट में, गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में सैन्य अभियानों और आतंकवादियों में मारे गए लोगों की संख्या का विस्तार से उल्लेख किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर की 221 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से लगी हुई है. भौगोलिक दृष्टि से यह केंद्र शासित प्रदेश भारत का 12वां सबसे बड़ा राज्य है.
सुरक्षा से जुड़े खर्च को लेकर रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 1989 से 31 दिसंबर 2022 तक पुलिस पर 10528.72 करोड़ रुपये और राहत और पुनर्वास पर 5348.68 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पुलिस को 308.98 करोड़ रुपये और राहत एवं पुनर्वास के लिए 198.62 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है. इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान सुरक्षित पर्यावरण योजना के तहत 2.51 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं.
क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर प्रकाश डालते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में 228 सैन्य अभियान हुए और 189 सैन्य विरोधी अभियान चलाए गए. इस दौरान 91 सुरक्षा बलों के जवान, 55 नागरिक और 257 आतंकवादी मारे गए. 2019 में 153 सैन्य अभियान और 102 सैन्य-विरोधी अभियान हुए. इस दौरान 80 सुरक्षा बलों के जवान, 44 नागरिक और 157 आतंकवादी मारे गए. वर्ष 2020 पिछले वर्षों से बहुत अलग नहीं था.
वर्ष 2020 126 सैन्य अभियान और 2018 में 118 सैन्य-विरोधी ऑपरेशन किए गए. इस दौरान 63 सुरक्षा बलों के जवान, 38 नागरिक और 221 आतंकवादी मारे गए. 129 सैन्य ऑपरेशन हुए और 100 सैन्य-विरोधी ऑपरेशन किए गए. इस अवधि के दौरान, 42 सुरक्षा बलों के जवान मारे गए. कर्मी, 41 नागरिक और 180 आतंकवादी मारे गए.