सहारनपुर : साल 2008 में अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में विशेष अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत के इस फैसले से जहां पीड़ित परिवारों को राहत मिली है, वहीं जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द ने दोषियों की पैरवी की है. जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने न सिर्फ अदालत के फैसले की मुखालफत की, बल्कि दोषियों की वकालत भी कर रहे हैं. मौलाना अरशद मदनी ने दोषियों के केस लड़ने का ऐलान किया है.
उन्होंने कहा कि साल 2008 में अहमदाबाद के अंदर जो सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे, इस मामले में जिन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उनका केस जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द लड़ेगी. उनको बाइज्जत बरी कराएगी. इसके लिए चाहे जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द को हाईकोर्ट क्यों न जाना पड़े. इससे पहले भी जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द ने अक्षरधाम मंदिर मामले में केस लड़ा था. उन्होंने कहा कि आरोपियों को बाइज्जत बरी कराया था. हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट से राहत मिलेगी.
गौरतलब है कि साल 2008 में गुजरात के अहमदाबाद में बम ब्लास्ट हुए थे. मामले में कुछ लोगों पर ब्लास्ट के आरोप लगे थे. लंबी सुनवाई के बाद अहमदाबाद की विशेष अदालत ने लोगों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. इसको लेकर इस्लामिक संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द दोषियों के पक्ष में उतर आया है. जमीयत उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इल्जाम बराबर मुसलमानों के खिलाफ लगते रहे हैं.