सहारनपुर : लखनऊ से गिरफ्तार किये गए दो आतंकियों को कानूनी मदद देने का एलान किया गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद आतंकियों का केस लड़ेगा. जमीयत द्वारा दोनों को मुस्लिम होने के कारण फंसाने का आरोप लगाया जा रहा है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जब तक कोर्ट दोषी न ठहराए दोनों बेकसूर हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने कहा कि एटीएस ने लखनऊ से जो दो संदिग्ध युवक उठाए हैं, उनको आतंकवादी बताया जा रहा है. अभी तक कोर्ट से इस पर निर्णय नहीं आया है कि वह दोनों आतंकवादी हैं या फिर निर्दोष हैं. इसलिए उनको अभी आतंकवादी कहना बिल्कुल गलत है. कोर्ट इसीलिए बने हैं. हाईकोर्ट है, सुप्रीम कोर्ट है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी उन्होंने कहा कि जमीअत उलेमा-ए-हिंद शुरू से ही निर्दोष लोगों की मदद करता आ रहा है. इस बार भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यह फैसला किया है कि उन दोनों की मदद की जाए. मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि उनमें से एक ने कुछ समय पहले दारुल उलूम देवबंद से पढ़ाई की थी. बाकी किसी का देवबंद से कोई संबंध नहीं है.
जानें क्या है मामला
बता दें कि बीते दिनों प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी एटीएस ने 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है. इन आतंकियों का संबंध अलकायदा के अंसार गजवतुल हिंद नाम के आतंकी संगठन से है. एटीएस की टीम ने एक आतंकी को काकोरी थाना क्षेत्र के दुबग्गा और दूसरे को मंडियांव थाना क्षेत्र के मोहिबुल्लापुर से गिरफ्तार किया है. इनके पास से एक प्रेशर कुकर बम, विस्फोटक और अन्य हथियार मिले हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किये गए आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन 15 अगस्त से पहले यूपी में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे.
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लखनऊ में अलकायदा के दो और फिर दो दिन बाद तीन आतंकियों के पकड़े जाने से यह साबित होता है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन, भारत में बड़ी आतंकवादी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, लखनऊ में अलकायदा समर्थित अंसार गजवतुल हिंद के पकड़े गए मिनहाज व मसीरुद्दीन ने खतरनाक प्लान बनाया था. इन्होंने मुंबई की ट्रेनों में 7/11 सीरियल ब्लास्ट की तरह, इस बार यूपी को दहलाने और रक्षामंत्री को मानव बम से उड़ाने की साजिश रची थी.