नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (The National Investigation Agency (NIA)) ने मंगलवार को जलालाबाद कोर्ट बम विस्फोट (Jalalabad bomb blasts case) मामले में छह खालिस्तानी आतंकवादियों (6 Khalistani Terrorist) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. जलालाबाद कोर्ट बम विस्फोट में पिछले साल सितंबर में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. चार्जशीटेड व्यक्तियों में सुखविंदर सिंह, परवीन सिंह, गुरप्रीत सिंह, रणजीत सिंह, हबीब खान और लखबीर सिंह रोडे शानिल हैं. एनआईए ने कहा कि खान एक पाकिस्तानी नागरिक है जबकि रोडे पाकिस्तान का नामित आतंकवादी है (Pakistan based designated terrorist). बाकी चार व्यक्ति पंजाब के रहने वाले हैं. पिछले साल 15 सितंबर को जलालाबाद कस्बे में हुए बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मामला मूल रूप से जलालाबाद पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था जिसे एनआईए (NIA) ने फिर से पंजीकृत किया था.
Jalalabad bomb blasts case :एनआईए ने 6 खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट - आतंकियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (The National Investigation Agency (NIA)) ने मंगलवार को जलालाबाद कोर्ट बम विस्फोट (Jalalabad bomb blasts case) मामले में छह खालिस्तानी आतंकवादियों (6 Khalistani Terrorist) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. जलालाबाद कोर्ट बम विस्फोट में पिछले साल सितंबर में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
जांच में पता चला है कि पाकिस्तान स्थित नामित आतंकवादी रोडे, अंतरराष्ट्रीय सिख युवा महासंघ (आईएसवाईएफ) के स्वयंभू प्रमुख और उसके सहयोगियों की पंजाब में भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कई विस्फोट करने और बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की साजिश है. एनआईए ने कहा ने कहा कि रोड के निर्देश पर, पाकिस्तान स्थित एक अन्य नार्को-टेरर ऑपरेटिव हबीब खान उर्फ डॉक्टर ने बलविंदर सिंह और सुखविंदर सिंह को कट्टरपंथी बना दिया था. उन्हें सीमा पार से हेरोइन के साथ तस्करी कर लाए गए आईईडी (टिफिन बम) का उपयोग करके बम लगाने के लिए प्रेरित किया गया था.
अपनी योजना को आगे बढ़ाते हुए बिंदर सिंह और सुखविंदर सिंह को 8 प्री-असेंबल टिफिन बॉक्स (प्रशिक्षण सामग्री के साथ) बड़ी मात्रा में हेरोइन और धन के साथ प्राप्त हुए. एनआईए ने कहा कि जलालाबाद में हुए बम विस्फोटों से पहले, इस आतंकवादी गिरोह ने फिरोजपुर शहर में एक कार और कुछ दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया था. 15 सितंबर, 2021 को, बिंदर और सुखविंदर ने विस्फोट करने के लिए जलालाबाद शहर में एक भीड़ भरे बाजार की टोह ली थी. जबकि बिंदर सिंह लगाए गए टिफिन बॉक्स के साथ मोटरसाइकिल को पुनः प्राप्त करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि तय समय पर विस्फोट नहीं हुआ था. विस्फोट के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई.