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Jal Jan Abhiyan: पीएम मोदी बोले- जल संकट से बचने के लिए हमें पुराने मूल्यों को अपनाने की जरूरत है - PM Modi Launched Jal Jan Abhiyan

ब्रह्माकुमारी संस्थान में जल जन अभियान का वर्चुअली शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने (PM Modi Launched Jal Jan Abhiyan) संबोधित करते हुए जल संकट को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस संकट से बचने के लिए इस अभियान से ताकत मिलेगी.

Nana Patekar on Increasing population
पीएम नरेंद्र मोदी.

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Published : Feb 16, 2023, 2:08 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 10:16 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

सिरोही.जिले के आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जन अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया. ये कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज और भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से चलाया जा रहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि जल संकट से बचने के लिए हमें पुराने मूल्यों को अपनाना होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि जल जन अभियान ऐसे समय में शुरू हुआ है, जब पूरे विश्व में पानी की कमी को संकट के रूप में देखा जा रहा है. पूरी दुनिया इस जल संकट को लेकर गंभीर है. हमारा सबसे बड़ा दायित्व जल सुरक्षा है, क्योंकि जल है तो कल है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल जन अभियान से इस ओर नई ताकत मिलेगी.

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उन्होंने कहा कि भारत में जल को देवता और प्रकृति को मां माना जाता है. ऐसे में अगर भविष्य की चुनौतियों के समाधान चाहिए तो हमें अतीत की उस चेतना को भी जागृत करना होगा. इससे देश की जनता में जल संरक्षण के मूल्यों के प्रति आस्था पैदा होगी. इसमें ब्रह्माकुमारी संस्थान की बड़ी भूमिका है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि हम बारिश के पानी का मात्र 300 मिलियन क्यूबिक मीटर ही रोक पा रहे हैं. जबकि वर्तमान में देश में 750-800 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता है.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत.

उन्होंने कहा कि आज से 50 साल पहले तक हमारे देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए 5 हजार क्यूबिक मीटर पानी उपयोग के लिए उपलब्ध रहता था. ये आज घटकर 1500 क्यूबिक मीटर ही रह गया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में जल को जगदीश मानने की परंपरा थी. दुनिया के वैज्ञानिक पर्यावरण को लेकर सबसे ज्यादा डरे और चिंतित हैं. दुनिया में पीने योग्य पानी का चार फीसदी पानी भारत में है. जबकि देश की आबादी दुनिया की 18 फीसदी है. केवल भारत में ही अमेरिका और चीन के बराबर जमीन से पानी निकाला जाता है. इस मौके पर पद्यश्री प्रसिद्ध अभिनेता नाना पाटेकर, मेवाड़ के महाराज कुमार लक्ष्यराज सिंह व प्रसिद्ध कवि व लेखकर मनोज मुंतशिर शुक्ला सहित बड़ी संख्या में ब्रम्हकुमारी संस्थान के पदाधिकारी व अनुयायी मौजूद रहे.

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नाना पाटेकर ने कहा कि देश में पानी की समस्या बहुत है. महाराष्ट्र में भी पानी की समस्या है. लेकिन इन देश के लिए सबसे बड़ी समस्या बढ़ती आबादी है. नाना पाटेकर ने कहा कि देश में लगातार आबादी बढ़ रही है. पहले आबादी 35 करोड़ थी और अब 135 करोड़ हो गई है. उन्होंने कहा कि हमारे पास सीमित साधन है. भूमि सीमित है और पानी सीमित है. ऐसे में देश में बढ़ती आबादी को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए.

पद्मश्री नाना पाटेकर ने महाराष्ट्र में किसानों के आत्महत्या मामले पर कहा कि आत्महत्या करने वाले परिवार के सामने खाने की समस्या खड़ी होती है, जिसे दूर करना होगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पानी की कमी है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि प्रकृति ने हमेशा सब कुछ दिया. हम संसाधन का सही उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. हमारी समस्या है कि बच्चे बड़े होते ही शहर की ओर चले जाते हैं. इसके बाद वे गांव की ओर नहीं लौटते हैं. खेती को लेकर पाटेकर ने कहा कि हमें नए तरीके से खेती करनी पड़ेगी और यह पलायन खत्म होना चाहिए.

क्या है जल जन अभियान ? : जल जन अभियान ब्रह्मकुमारी संस्थान और जलशक्ति मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत देशभर में जलस्रोत का जीर्णोद्धार किया जाएगा. इस अभियान के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज संस्थान और जलशक्ति मंत्रालय से जुड़े लोग आठ महीने तक देशभर के पांच हजार से ज्यादा जलाशयों को संरक्षित करने का काम करेंगे. साथ ही नए जलाशयों के निर्माण के लिए जल जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को जागरुक किया जाएगा. अभियान के जरिए 10 हजार कार्यक्रमों का आयोजन कर 10 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.

Last Updated : Feb 16, 2023, 10:16 PM IST

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