नई दिल्ली :मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला साहिद ने ईटीवी भारत से बातचीत में मंगलवार को कहा, 'मालदीव ने हिंद महासागर में शांति और स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए हैं. हम हिंद महासागर में कोई संघर्ष नहीं चाहते हैं और यह किसी का मुकाबला करने के बारे में नहीं है बल्कि यह परामर्श करने के बारे में है कि हिंद महासागर में शांति और स्थिरता है. विदेशी शक्तियां यहां तनाव न पैदा करें.'
उनकी टिप्पणी हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के विस्तार का मुकाबला करने पर एक सवाल के जवाब में आई जो भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद 11-12 जुलाई तक दिल्ली की आधिकारिक यात्रा पर हैं.
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने 43वें सप्रू हाउस व्याख्यान में 'पावर ऑफ मालदीव' का जिक्र करते हुए कहा कि 'वर्तमान मालदीव सरकार मालदीव में भारत-चीन झगड़ों के लिए जगह नहीं देती है. हम एक को दूसरे के खिलाफ खेलने के व्यवसाय में नहीं हैं. हम सबके मित्र हैं और किसी के शत्रु नहीं. हमारी साझेदारी सबके साथ है.'
अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि 'भारत के साथ हमारा विशेष रिश्ता है. भारत हमारा निकटतम पड़ोसी है.' चीन पर कटाक्ष करते हुए, मालदीव के विदेश मंत्री ने विदेशी शक्तियों से हिंद महासागर क्षेत्र में संघर्ष न करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 'मालदीव की शांति और समृद्धि के लिए हिंद महासागर में शांति, समृद्धि और स्थिरता आवश्यक है. हमारी सभी के साथ अच्छी साझेदारी है. मालदीव हिंद महासागर का हार्ट है.'
मालदीव, हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित एक छोटा सा द्वीपसमूह राष्ट्र है. दक्षिण एशिया में भारत-चीन प्रतिस्पर्धा के बीच काफी मायने रखता है.