नोम पेन्ह: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कंबोडिया के नोम पेन्ह में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से मुलाकात की. उन्होंने ट्वीट के बताया कि हमारी चर्चा के केंद्र में हालिया घटनाक्रम, अनाज की कमी और परमाणु चिंताओं को शामिल किया गया. उन्होंने ट्वीट के बताया कि हमारी चर्चा के केंद्र में हालिया घटनाक्रम, अनाज की कमी और परमाणु चिंताओं को शामिल किया गया.
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को एक अन्य कार्यक्रम में कहा था कि चीन के साथ भारत के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमावर्ती इलाकों में शांति न हो. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत की ओर से उस देश को दिया गया संकेत स्पष्ट है.
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जयशंकर ने कहा था कि मैं कह रहा हूं कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का माहौल नहीं होगा, जब तक समझौतों का पालन नहीं किया जाता है और यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास पर रोक नहीं लगती है तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं. गलवान घाटी की झड़पों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 में जो हुआ वह 'एक पक्ष का प्रयास था, और हम जानते हैं कि वह कौन था, जो समझौते से अलग हटा था और यह मुद्दा सबसे अहम है.
जयशंकर ने कहा कि क्या हमने तब से प्रगति की है? कुछ मायनों में, हां... टकराव वाले कई बिंदु थे. उन टकराव वाले बिंदुओं में, सेना द्वारा खतरनाक रूप से करीबी तैनाती थी, मुझे लगता है कि उनमें से कुछ मुद्दों को समान और आपसी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हल किया गया है. उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे भी हैं जिन पर अभी काम किये जाने की जरूरत है. यह महत्वपूर्ण है कि हम दृढ़ रहें और आगे बढ़ते रहें. क्योंकि आप यह नहीं कहते हैं कि यह जटिल या कठिन है.