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मॉस्को समझौते को 'पूरी तरह से एवं गंभीरता' से लागू करने की जरूरत

भारत ने चीन को साफ कर दिया है क्षेत्र में शांति के लिए पूर्वी लद्दाख से वह जल्द से जल्द से अपने सभी सैनिकों को ईमानदारी के साथ वापस बुलाए. विदेशमंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेशमंत्री वांग यी से वार्ता के दौरान यह बात कही.

मॉस्को समझौता
मॉस्को समझौता

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Published : May 1, 2021, 9:53 AM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया 'जल्द से जल्द' पूरी करने की जरूरत पर बल देते हुए शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि क्षेत्र में शांति बहाली के लिए इससे संबंधित मॉस्को समझौते को 'पूरी तरह से एवं गंभीरता' से लागू करने की आवश्यकता है.

कोविड-19 महामारी से भारत में उपजे हालात को लेकर चीन की तरफ से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए वांग यी ने जयशंकर को फोन करके बात की और इसी दौरान जयशंकर ने वांग यी से यह आह्वान किया.

इससे पहले, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए भारत के साथ सहयोग मजबूत करने और देश में कोविड-19 मामलों में वर्तमान बढ़ोतरी से निपटने के लिए समर्थन और सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की.

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वांग यी के साथ हुई वार्ता के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, एलएसी से सटे इलाके में गतिरोध के सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पूर्ण शांति बहाली के वास्ते मॉस्को समझौते को पूरी तरह से एवं गंभीरता से लागू करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. इस मामले में चर्चा जारी रखने पर भी सहमति बनी.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी से संबंधित लंबित मुद्दों पर चर्चा की.

10 सितंबर को मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के मौके पर जयशंकर और वांग के बीच हुई वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख सीमा रेखा गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच पांच-सूत्रीय समझौता हुआ था. इस समझौते में सैनिकों को तेजी से वापसी, तनाव को बढ़ाने वाली कार्रवाई से बचने, सीमा प्रबंधन और एलएसी पर शांति बहाली के लिए सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कदम शामिल हैं.

विदेश मंत्री जयशंकर ने वांग यी के साथ अपनी बातचीत के बारे में कहा कि उन्होंने इन परिस्थितियों में आपूर्ति श्रृंखला के महत्व और भारतीय चार्टर्ड उड़ानें बिना किसी रोकटोक के संचालित होने पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि वह वांग यी के इस संबंध में आश्वासन का स्वागत करते हैं. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने इस मुश्किल समय में जन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर भी चर्चा की.

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वहीं, चीन की सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने मोदी को एक संदेश भेजकर भारत में कोरोना वायरस महामारी पर संवेदना व्यक्त की.

राष्ट्रपति शी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को भेजे गए संदेश के अनुसार, मैं भारत में कोविड-19 महामारी की हाल की स्थिति से बहुत चिंतित हूं. चीन की सरकार और लोगों की ओर से तथा अपनी ओर से मैं भारत सरकार और लोगों के प्रति ईमानदारी से सहानुभूति व्यक्त करना चाहूंगा.

शी ने कहा, चीनी पक्ष महामारी से लड़ने में भारतीय पक्ष के साथ सहयोग को मजबूत करने और इस संबंध में सहायता एवं सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार है. मुझे विश्वास है कि भारत सरकार के नेतृत्व में भारतीय लोग निश्चित रूप से महामारी पर विजय प्राप्त करेंगे.

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