आगर मालवा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में साथ चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि राजस्थान में नेृतृत्व का विवाद निपटाने के लिए पार्टी अध्यक्ष खड़गे और अन्य नेता जो भी फॉर्मूला पेश करेंगे, वह केवल एक सिद्धांत पर आधारित होगा कि संगठन सबसे पहले है. इसलिए जो भी सूत्र लागू किया जाएगा किसी व्यक्ति विशेष के दृष्टिकोण से नहीं होगा. कांग्रेस नेता रमेश ने शुक्रवार को 'वॉक द टॉक' साक्षात्कार के दौरान पीटीआई से यह बात की.
हमारी नजर अगले साल के विधानसभा चुनाव पर :उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो भी फैसला होगा वह संगठन के हित में होगा. कांग्रेस को मजबूत करना होगा. 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए हमें तैयार रहना होगा. साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी. यह पूछे जाने पर कि क्या गहलोत (71) पायलट (45) को राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे, रमेश ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है दोनों नेता पार्टी के लिए संपत्ति हैं. गहलोत एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं, जबकि पायलट युवा, लोकप्रिय और ऊर्जावान नेता हैं. पार्टी में दोनों की जरूरत है.
गहलोत व पायलट गुट में सियासी संघर्ष :बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी और प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के बीच सत्ता संघर्ष जारी है. उनके बीच कड़वाहट हाल ही में और बढ़ गई है. सचिन पायलट को 'गद्दार' जैसे शब्द का इस्तेमाल कर अशोक गहलोत ने सियासी तूफान ला दिया था. हालांकि दो दिन पहले कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने दोनों के बीच सुलह करने का प्रयास किया है, लेकिन मामला इतना आसान नहीं है. बता दें कि राजस्थान में 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद से अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद को लेकर आमने-सामने हैं.