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राजस्थान कांग्रेस में नेतृत्व विवाद पर बोले जयराम रमेश - फॉर्मूला तैयार है, संगठन सर्वोच्च है न कि एक व्यक्ति - नजर अगले साल के विधानसभा चुनाव पर

राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मचे घमासान (Leadership dispute Rajasthan Congress) को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का (Jairam Ramesh important statement) अहम बयान सामने आया है. भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करने वाली है. इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा तैयार किए जाने वाला फॉर्मूला राजस्थान में नेतृत्व की लड़ाई का समाधान करेगा. ये फॉर्मूला इस सिद्धांत पर आधारित होगा कि संगठन सर्वोच्च है, न कि एक व्यक्ति.

Formula ready for Rajasthan congress
राजस्थान कांग्रेस में विवाद पर बोले जयराम रमेश

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Published : Dec 2, 2022, 10:22 PM IST

आगर मालवा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में साथ चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि राजस्थान में नेृतृत्व का विवाद निपटाने के लिए पार्टी अध्यक्ष खड़गे और अन्य नेता जो भी फॉर्मूला पेश करेंगे, वह केवल एक सिद्धांत पर आधारित होगा कि संगठन सबसे पहले है. इसलिए जो भी सूत्र लागू किया जाएगा किसी व्यक्ति विशेष के दृष्टिकोण से नहीं होगा. कांग्रेस नेता रमेश ने शुक्रवार को 'वॉक द टॉक' साक्षात्कार के दौरान पीटीआई से यह बात की.

हमारी नजर अगले साल के विधानसभा चुनाव पर :उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो भी फैसला होगा वह संगठन के हित में होगा. कांग्रेस को मजबूत करना होगा. 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए हमें तैयार रहना होगा. साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी. यह पूछे जाने पर कि क्या गहलोत (71) पायलट (45) को राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे, रमेश ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है दोनों नेता पार्टी के लिए संपत्ति हैं. गहलोत एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं, जबकि पायलट युवा, लोकप्रिय और ऊर्जावान नेता हैं. पार्टी में दोनों की जरूरत है.

गहलोत व पायलट गुट में सियासी संघर्ष :बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी और प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के बीच सत्ता संघर्ष जारी है. उनके बीच कड़वाहट हाल ही में और बढ़ गई है. सचिन पायलट को 'गद्दार' जैसे शब्द का इस्तेमाल कर अशोक गहलोत ने सियासी तूफान ला दिया था. हालांकि दो दिन पहले कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने दोनों के बीच सुलह करने का प्रयास किया है, लेकिन मामला इतना आसान नहीं है. बता दें कि राजस्थान में 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद से अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद को लेकर आमने-सामने हैं.

50-50 फॉर्मूला मुझे पता नहीं :गहलोत कहते रहे हैं कि पायलट के 2020 के विद्रोह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और उन्हें कांग्रेस के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त नहीं है. वहीं पायलट खेमा दावा कर रहा है कि विधायक राजस्थान में नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं. यह पूछे जाने पर कि राजस्थान के साथ ही क्या छत्तीसगढ़ में 50-50 फॉर्मूला लागू होगा. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव कथित तौर पर आमने-सामने हैं, रमेश ने इस सवाल को दरकिनार कर दिया और कहा कि उनकी पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव जीतेगी. यह 50-50 फॉर्मूले मुझे पता नहीं है. रमेश ने कहा कि लेकिन मैं बता सकता हूं कि पार्टी एकजुट है और हम 2023 के विधानसभा चुनाव छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत से जीतेंगे.

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गुजरात चुनाव पर दी प्रतिक्रिया :गुजरात चुनाव के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि लोग बदलाव चाहते हैं. हकीकत यह है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई के साथ कोई विकास न होने की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों को ध्रुवीकृत और साम्प्रदायिक अभियान चलाने के लिए गुजरात में डेरा डालने के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं, रमेश ने मध्यप्रदेश में क्रॉस-कंट्री मार्च के सुचारू संचालन के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की प्रशंसा की. (पीटीआई)

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