नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा है कि देश में सरकारी फायदों और चुनाव लड़ने के मकसद के लिए दो बच्चों संबंधी कानून अनिवार्य रूप से या जबरन लाए जाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार के स्तर पर ऐसी कोई पहल होती है तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी. साथ ही, उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान का समर्थन किया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून (Population Control Law) से ज्यादा कारगर कदम लड़कियों को शिक्षित (Girl Education) करना है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक (UP Population Control Bill) का एक मसौदा सामने आने के बाद शुरू हुई बहस को 'भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे का हिस्सा' करार देते हुए यह भी कहा कि पिछले दो दशक के दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर 28 गैर सरकारी विधेयक संसद में पेश किए गए ताकि इस मुद्दे को जिंदा रखा जा सके.
रविवार को रमेश ने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि भाजपा के सांसदों और मुख्यमंत्रियों ने नरेंद्र मोदी सरकार के ही उन आंकड़ों को नहीं पढ़ा है, जो 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में दिए गए थे और जिनमें प्रजनन दर में गिरावट का उल्लेख किया गया था.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का एक मसौदा (UP Population Control, Stabilization, and Welfare Draft Bill, 2021) सामने रखा गया है, जिसमें प्रावधान है कि जिन लोगों के दो से अधिक बच्चे होंगे, उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा और दो बच्चों की नीति का अनुसरण करने वालों को लाभ दिया जाएगा. भाजपा के कुछ सांसद संसद के मॉनसून सत्र में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर गैर सरकारी विधेयक पेश करने की तैयारी में हैं.
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रमेश ने कहा, 'यह भाजपा द्वारा खेला जा रहा राजनीतिक खेल है ताकि सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और आवेग को तेज किया जा सके. इनका तथ्यों और उस साक्ष्य से कोई लेना-देना नहीं है कि कैसे पूरी तरह लोकतांत्रिक तरीकों, महिला साक्षरता के प्रसार, महिला सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था की प्रगति, समृद्धि और शहरीकरण के जरिए राज्य दर राज्य प्रजनन दर में तेजी से गिरावट आई है.' उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 2018-19 के अपने आर्थिक सर्वेक्षण (अध्याय 7) में उन उपलब्धियों की चर्चा की गई है कि कैसे बीती आधी सदी में शिक्षा और प्रोत्साहन के लोकतांत्रिक तरीकों से प्रजनन दर में नाटकीय ढंग से गिरावट आई है.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि 'वर्ष 2031 तक सभी राज्यों में जन्म दर प्रतिस्थापन स्तर से कम हो जाएगी.' रमेश ने दावा किया कि भाजपा के सांसदों और मुख्यमंत्रियों ने यह पढ़ा ही नहीं, जो मोदी सरकार ने खुद दो साल पहले लिखा था.