जयपुर.राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने करिश्माई जीत हासिल की है. बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है, पार्टी मुख्यालय पर दिनभर जश्न का माहौल बना रहा. वहीं, पार्टी की इस जीत के साथ ही हर किसी के जुबान पर सबसे अहम सवाल यही है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा?. इस सवाल का जवाब पार्टी के नेताओं के पास अभी नहीं है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई नामों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
पहले पार्टी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया था, अब सभी के मन में एक ही सवाल है कि प्रदेश की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी ? हालांकि सीएम रेस से तीन बड़े नाम रेस से बहार माने जा रहे हैं. इनमें पहला नाम नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ , दूसरा उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया का था, लेकिन दोनों चुनाव हार गए हैं. वहीं, तीसरा नाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी मजबूत था, लेकिन लोकसभा सत्र शुरू होने से वो भी रेस से बहार माने जा रहे हैं. अब सवाल ये कि क्या पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सीएम होंगी या पार्टी किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है, आइए जानते है बीजेपी में सीएम पद के लिए कौन कौन मजबूत दावेदार रेस में हैं.
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वसुंधरा राजे - बीजेपी में सीएम दावेदारों की बात करें तो सबसे पहला नाम पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का सबसे ऊपर है. दो बार मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इस बार भले ही पार्टी ने सीएम फेस नहीं बनाया हो लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में सबसे ज्यादा सभा राजे ने ही की. राजे के पास कुशल प्रबंधन का अनुभव भी है और सरकार चलाने का अनुभव भी. राजनीति के पंडित मान रहे हैं कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व को वसुंधरा राजे को आगे करना होगा. 6 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में 25 - 25 सीटें राजे को आगे करके ही हासिल की जा सकती है. राजे को नजरअंदाज किया गया तो इसका असर लोकसभा चुनाव में में दिख सकता है.
दीया कुमारी -दीया कुमारी विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाली प्रत्याशी हैं. जयपुर राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी को भी सीएम की रेस में आगे माना जा रहा है. एक बार विधायक और एक बार सांसद रही दीया कुमारी को पार्टी शीर्ष नेतृत्व के करीबी भी हैं और आरएसएस की पसंद भी. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर राजपूत समाज को साधने और युवा चेहरे के लिहाज से दीया कुमारी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
अश्विनी वैष्णव -केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है, हालांकि उन्हें पार्टी ने मैदान में नहीं उतारा, लेकिन पार्टी शीर्ष नेतृत्व तय करता है तो छह महीने के भीतर एक सीट पर चुनाव कराया जा सकता है. बता दें कि पहले वैष्णव के जयपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा भी थी. प्रशासनिक सेवा के वैष्णव की पार्टी शिर्ष नेतृत्व में अच्छी पकड़ मानी जाती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंददीदा मंत्रियों में एक हैं.
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