नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को भाजपा ने 'किसान पुत्र' करार दिया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए किसान पुत्र और जाट नेता को उतारकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. एनडीए न सिर्फ इस चुनाव में उनके किसान पुत्र और जाट नेता होने का फायदा उठाना चाहेगी, बल्कि उसकी नजर राजस्थान के विधानसभा चुनाव पर भी है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपनी मौजूदा भूमिका से पहले 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आधिकारिक जानकारियों के अनुसार, जब धनखड़ छठी कक्षा में थे, तब वह 4-5 किलोमीटर पैदल चलकर एक सरकारी स्कूल जाते थे. क्रिकेट प्रेमी होने के साथ-साथ उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर भी रहा है. धनखड़ की उम्मीदवारी का यह भी मतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों के पीठासीन अधिकारी राजस्थान से होंगे, जहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि धनखड़ लगभग तीन दशकों से सार्वजनिक जीवन में हैं. साथ ही, उन्होंने जाट नेता को 'किसान पुत्र' करार दिया. दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पिछली अखिल भारतीय बैठक भी धनखड़ के गृह जिले झुंझुनू में हुई थी. अपने समय के अधिकांश जाट नेताओं की तरह धनखड़ भी मूल रूप से देवीलाल से जुड़े हुए थे. तब युवा वकील रहे धनखड़ का राजनीतिक सफर तब आगे बढ़ना शुरू हुआ, जब देवीलाल ने उन्हें 1989 में कांग्रेस का गढ़ रहे झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से विपक्षी उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था और धनखड़ ने जीत दर्ज की.