बगहाःबिहार के बगहा में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कथा के दौरान बिहार सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की. गांधी मैदान में कथा करने का परमिशन नहीं मिलने पर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने प्रतिज्ञा लेते हुए कहा कि गांधी मैदान किसी के बाप की नहीं है. अब वे तभी गांधी मैदान में कथा करेंगे जब बिहार में कमल खिलेगा. जगद्गुरु ने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार को गद्दी से हटा देंगे.
'नीतीश कुमार को हटाने के बाद ही कथा करेंगे': सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में गुंडा राज चल रहा है, जो ज्यादा दिन नहीं चलेगा. गांधी मैदान में कथा के लिए परमिशन मिलने से नाराज भी दिखे. उन्होंने कहा कि मैंने क्या गलत कहा? 2 दिसंबर से पटना गांधी मैदान में कथा का आयोजन होना था. एक साल से कार्यक्रम प्रस्तावित था, लेकिन पटना के कमिश्नर ने कहा कि परमिशन नहीं देंगे. कहा कि अब नीतीश कुमार को हटाने के बाद ही कथा करेंगे.
"बिहार में बहुत दिनों तक जंगल राज नहीं चलेगा. मेरी कथा एक साल से प्रस्तावित है. पटना के कमिश्नर ने परमिशन नहीं दिया. गांधी मैदान किसी के बाप की नहीं है. नीतीश बाबू मत दो गांधी मैदान में परमिशन. मैं भी प्रतिज्ञा करता हूं कि अब तो गांधी मैदान में कथा करने तभी आउंगा, जब बिहार में कमल खिलेगा."-जगद्गुरु रामभद्राचार्य, कथा वाचक
'जाति के आदार पर राजनीति': इस दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर भी अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि मैंने कौन सी गलत बात कही. बिहार सरकार पर जाति के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाया. कहा कि एक ओर कहते हैं कि तुलसी दास ने जाति का अपमान किया, वहीं दूसरी ओर जाति जनगणना करा रहे हैं. कथा के दौरान उन्होंने शिक्षा मंत्री पर भी निशाना साधा. कहा कि रामचरितमानस राष्ट्रगंथ होने जा रहा है, इसके बाद जो निंदा करेगा उसपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलेगा.
'गंदी राजनीति करने का आरोप':कथा के दौरान जगद्गुरु ने चौपाई की लाइन कही 'दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया और देखेंगे'. उन्होंने खुलकर ऐलान किया कि 'मैं तो खुलकर कह रहा हूं. मैं जगद गुरु हूं. जातिवाद वीहिन सनातन वैदिक हिंदू धर्म का मैं समर्थक हूं. जो भी राम कृष्ण को मानता है, वो हिन्दू मेरे लिए पूज्य है. जब-जब किसी ब्राह्मण का बिहार में अपमान हुआ है, तब-तब बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ है और चंद्रगुप्त का शासन आया है. उन्होंने कहा की बिहार जैसी गंदी राजनीति पूरे भारत में मैने नहीं देखी. यहां जाति के आधार पर हिंदुओं को बांटकर राजनीति की जा रही है.'