नई दिल्ली : 'लेन-देन' की नीति के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने असोम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के बीच सीट बंटवारे को बीजेपी के शीर्ष नेताओं और राज्य के नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद नई दिल्ली में लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है. हालांकि अंतिम सीट शेयरिंग और गठबंधन की घोषणा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा की जाने की संभावना है.
भाजपा के सूत्रों की मानें, तो भाजपा और एजीपी दोनों के कई मौजूदा विधायकों को इस बार टिकट नहीं मिल सका है. भाजपा को यूपीपीएल के समर्थन से बोडोलैंड क्षेत्र (बीटीआर) में 3-4 सीटों पर चुनाव लड़ने की भी संभावना है.
गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा राज्य के भाजपा नेताओं और एजीपी और यूपीपीएल के नेताओं के साथ दो बैक टू बैक बैठकों के एक दिन बाद पार्टी महासचिव दिलीप सैकिया के साउथ एवेन्यू स्थित आवास पर मुलाकात की.
सूत्रों का कहना है कि बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर विस्तृत चर्चा हुई, जहां भाजपा और एजीपी दोनों चुनाव लड़ने को तैयार हैं. बीजेपी को अगप से लखीमपुर, बरहामपुर और कमालपुर विधानसभा सीट से दूर करने की संभावना है क्योंकि पार्टी को लगता है कि एजीपी बेल्ट में उसकी अच्छी पकड़ है.
दिलचस्प बात यह है कि असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत, बरहामपुर सीट से मौजूदा विधायक हैं. हालांकि, बीजेपी एजीपी को हाजो निर्वाचन क्षेत्र देने की भी संभावना है. बीपीटी क्षेत्र की 8-10 सीटों को यूपीपीएल और बाकी बीजेपी को देने की संभावना है.
दिलीप सैकिया के आवास पर बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेन गोहेन ने कहा कि वह बाराहमपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.