नई दिल्ली :भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव (Balaram Bhargava) ने मंगलवार को कहा, भारत में स्कूलों को फिर से खोलने की शुरूआत (Beginning of reopening of schools in India) प्राथमिक विद्यालयों से करना समझदारी भरा कदम होगा. उन्होंने कहा कि चूंकि बच्चों में कम संख्या में 'ऐस रिसेप्टर' होते हैं, जिनमें वायरस चिपकते हैं, ऐसे में वे वयस्कों की तुलना में वायरस संक्रमण (virus infection) से कहीं बेहतर निपट सकते हैं.
'ऐस रिसेप्टर' ऐसे प्रोटीन होते हैं, जो कोरोना वायरस के प्रवेश द्वार होते हैं. इनमें वायरस चिपक जाता है और कई सारी मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर देता है. हालांकि, भार्गव ने जोर देते हुए कहा कि इस तरह के कदम पर विचार करने की जरूरत होगी, यह अवश्य ही सुनिश्चित करना होगा कि, स्कूली शिक्षकों और अन्य सहायक कर्मचारियों का टीका लग जाए.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, आईसीएमआर के हालिया राष्ट्रीय सीरो सर्वे में पाया गया है कि छह वर्ष से नौ वर्ष की आयु के बच्चों में एंटीबॉडी 57.2 प्रतिशत है, जो बहुत हद तक वयस्कों के समान है.
पढ़ें-'कोरोना काल में हुई मौतों के लिए आजादी के बाद की सभी सरकारें जिम्मेवार'