उत्तरकाशी (उत्तराखंड): यमुनोत्री नेशनल हाईवे धरासू व बड़कोट के बीच सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन हादसे के बाद से राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है. निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर लैंडस्लाइड का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं. उन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.
उन्होंने बताया कि देहरादून से बोरिंग के लिए ऑगर मशीन मंगवाई गई है. उस मशीन से बोरिंग कर ढाई फीट व्यास का पाइप डाला जाएगा, जिससे सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है.
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आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सुरंग के जिस हिस्से में भूस्खलन हुआ है, वहां पर सॉफ्ट रॉक है, जिसके चलते ये घटना घटी है. वहीं चूरा जैसा मलबा आया है. आपदा प्रबंधन सचिव के मुताबिक तीन तरीके से अंदर फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. सबसे पहले मजदूरों के लिए पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री व पानी भेजा जा रहा है. वहीं मलबा हटाने के लिए जेसीबी व अन्य मशीनों की मदद ली जा रही है. इसके अलावा मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई है. मशीन आने में चौबीस घंटे का समय लग सकता है.