नई दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि गत 17 सितंबर को समूह के कुल 25 परिसरों में छापे मारे गए. इनमें प्रवर्तकों के घर और कंपनी के कोलकाता, दुर्गापुर, आसनसोल और पुरुलिया स्थित कार्यालय एवं कारखाने शामिल हैं.
सीबीडीटी के अनुसार समूह द्वारा बेहिसाब नकद बिक्री, बेहिसाब नकद व्यय, फर्जी पार्टियों से खरीद, वास्तविक उत्पादन की गलत जानकारी, स्क्रैप की नकद खरीद, भूमि खरीद-बिक्री के कई दस्तावेजों के माध्यम से 'बेहिसाब आय' जमा करने से जुड़े सबूत पाए गए हैं.
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि बेहिसाब आय को असुरक्षित ऋणों के रूप में और शेल इकाइयों के शेयरों की बिक्री के रूप में दिखाया गया.
समूह के सदस्यों में से एक की संपत्तियों के कई दस्तावेज भी जब्त किए गए जिनमें जमीन और संपत्ति का स्वामित्व अलग-अलग नामों से है.
बयान में कहा गया है कि अपराध सिद्ध करने वाले सबूतों से पता चलता है कि विनिर्माण समूह ने इस तरह से 700 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी की. इसमें कहा गया कि 20 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की गयी है, जबकि दो लॉकर खोले जाने बाकी हैं.
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बैंक खातों के जरिये अवैध कोष हस्तांतरण करने वाले परिसर पर भी छापा मारा गया. दावा किया गया है कि इसमें कुल सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन किया गया.