चेन्नई : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा जल्द ही उद्योगों को लगभग 60,000 रुपये की लागत से विकसित श्वास नामक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाने की तकनीक हस्तांतरित करेगा. विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.
वीएसएससी के अधिकारियों ने शुक्रवार को इच्छुक कंपनियों की एक वर्चुअल बैठक की और श्वास और इसकी प्रणालियों के बारे में बताया. वीएसएससी के निदेशक एस. सोमनाथ ने बताया, यह पहले दौर की बैठक थी और इसमें लगभग 50 उद्योगों ने भाग लिया.
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मैंने उनसे बातचीत की. मैंने और मेरी टीम ने उनके सवालों का जवाब दिया. सोमनाथ ने कहा, हम उनमें से प्रत्येक के साथ एक समझौता कर रहे हैं, जो तकनीकी क्षमता के मानदंडों को पूरा कर रहे हैं. प्रौद्योगिकी साझाकरण व हस्तांतरण अगले दो दिनों में होगा. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मुफ्त होगा.
उनके अनुसार, चिकित्सा उपकरण, अंतरिक्ष उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स और उत्पाद निर्माण कंपनियों को अभी चुना गया है और उनकी साख के आधार पर और भी बहुत कुछ हो सकता है.
सोमनाथ ने कहा कि वीएसएससी ने अपने प्रोटोटाइप के निर्माण के लिए लगभग 60,000 रुपये खर्च किए हैं.