नई दिल्ली : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रोवर 'पर्सिवियरन्स' के शुक्रवार तड़के मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने देर शाम कहा कि 'लाल ग्रह' के लिए भारत का मंगलयान-2 एक 'ऑर्बिटर' होने की संभावना है. इसरो प्रमुख ने मंगलयान 2 के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं बताई. हालांकि, उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अगला अभियान चंद्रयान-3 के बाद भेजा जाएगा.
चंद्रयान-3 के जरिए इसरो का लक्ष्य पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा पर एक रोवर उतारने का है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लागू हो जाने से इसमें देर हो गई है और अब 2022 में इसे भेजे जाने की संभावना है. सिवन ने कहा कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरना कहीं अधिक कठिन है. चंद्रयान-3 इसरो के दूसरे ग्रह पर रोवर उतारने की क्षमता को प्रदर्शित करेगा. इसरो ने अपने सफल 'मार्स ऑर्बिटर मिशन' (मंगलयान) ने 'मार्स ऑर्बिटर मिशन-2' की अपनी अगली योजना की घोषणा की है. इसके मुताबिक, अब उसकी योजना भविष्य के प्रक्षेपण के अवसर तलाशने के लिए मंगल पर एक ऑर्बिटर मिशन भेजने की है.
सिवन ने कहा कि मंगलयान-1 'अब भी अच्छा काम कर रहा है' और डेटा भेज रहा है. उन्होंने बताया कि इसरो ने संभावित प्रयोगों के लिए वैज्ञानिक समुदाय से सुझाव देने को कहा है और वह इन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया में है. सिवन ने कहा कि सुझाव प्राप्त होने के बाद, हम एक परियोजना रिपोर्ट तैयार करेंगे और (एक विशेषज्ञ) समिति में चर्चा करेंगे. फिर हम अंतरिक्ष आयोग जाएंगे. गौरतलब है कि अंतरिक्ष आयोग, अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों पर नीतिगत निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है.