नई दिल्ली : गाजा सिटी पर इजराइली हमला जारी है. अलजजीरा ने दावा किया है कि इजराइल ने अल-वफा अस्पताल के इलाकों में बमबारी की है. इसके अनुसार एयरस्ट्राइक से पहले इजराइल ने कोई चेतावनी नहीं जारी की, साथ ही उन्होंने इन रास्तों पर बम बरसाया है, जिस रास्ते आम फिलिस्तीनी अस्पताल पहुंचते हैं.
इजराइली सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उन्होंने पिछले 24 घंटों में गाजा के 400 अलग-अलग जगहों पर हमले किए हैं. इसके ठीक एक दिन पहले भी इजराइल ने गाजा के 300 से अधिक जगहों पर बमबारी की थी.
एक दिन पहले ही इजराइल ने एक चारमंजिला इमारत को भी निशाना बनाया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 32 लोगों के मारे जाने की खबर है. यह हमला गाजा शहर के खान यूनिस इलाके में किया गया.
मंगलवार को हमास ने एक बयान जारी इजराइल को चेतावनी दी थी. हमास ने कहा था कि उसके 35 हजार लड़ाके इजराइल पर हमले के लिए तैयार बैठे हैं. हमास के इस बयान पर इजराइल ने गाजा सिटी में ईंधन की सप्लाई नहीं जारी करने का फैसला किया है. इजराइली सेना ने कहा कि हमें पता है कि गाजा में ईंधन की सख्त जरूरत है, लेकिन हमास ने जो रवैया अपना रखा है, उसे देखते हुए हमें कड़े फैसले लेने पड़ेंगे.
हमास ने यह भी कहा कि पिछले दो दिनों में इजराइल ने बमबारी तेज कर दी है. हमास के अनुसार सोमवार और मंगलवार को हुए हमले में 704 लोग मारे गए हैं.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन इजराइल पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनका देश पूरी तरह से इजराइल के साथ खड़ा है. सात अक्टूबर को हमास के हमले में फ्रांस के 30 नागरिकों की मौत हुई थी. उसके नौ लोग अभी भी लापता हैं. मैक्रॉन ने कहा कि हमारी कोशिश उन बंधकों को रिहा कराने की है, जिन्हें हमास ने बंदी बना रखा है.
मैक्रॉन ने कहा कि जिस तरह से सीरिया और इराक में चरमपंथियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग सेना का गठन किया गया था, यहां भी उसी तर्ज पर हमास का मुकाबला किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्योंकि हम प्रजातांत्रिक देश हैं और प्रजातांत्रिक सिद्धान्तों में यकीन रखते हैं, लिहाजा आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.
मैक्रॉन ने जनवरी 2015 में अपने यहां हुए चार्ली हब्दो की घटना को याद किया. उस हमले में 17 लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा कि तब फ्रांस के सामने संकट की घड़ी थी, और उस समय इजराइल हमारे साथ खड़ा था, आज इजराइल के सामने संकट है और हम उनके साथ पूरी तरह से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.
फिलिस्तीनी इलाकों में काम करने वाले मानव अधिकार संगठनों ने इजराइल से विनती की है कि वे यहां पर ईंधन की सप्लाई जारी करें, ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ईंधन की सख्त जरूरत है, सीवेज पंप और वाटर पंप के लिए ईंधन की जरूरत है. उनके अनुसार अगर यह बाधित हुआ, तो जीना मुश्किल हो जाएगा.
गूगल ने इजराइल, गाजा और वेस्ट बैंक में ट्रैफिक कंडिशन की रीयल टाइम अपडेट देनी बंद कर दी है. कंपनी ने बताया कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया है. कंपनी ने कहा कि उसने पहले भी इस तरह की पाबंदी दुनिया के दूसरे इलाकों में लगाई है.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इजिप्ट बॉर्डर पर 500 से अधिक ट्रकों पर राहत सामग्रियां लदी हुई हैं, लेकिन उनमें सिर्फ 54 ट्रकों को इजाजत दी गई है. इनमें दवा, भोजन और पानी की बोतलें हैं. ईंधन वाले ट्रक को इजराइल ने इजाजत नहीं दी है.
थाईलैंड के पीएम ने अपील की है कि इजराइल उनके देशों के नागरिकों को वापस लौटने दे. पीएम के अनुसार कुछ इजराइली कंपनियों ने उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी है. इजराइली अधिकारियों ने कहा कि वे इन तथ्यों की पड़ताल करेंगे.
नरक जैसी जिंदगी बना दी है हमास ने - इजराइल की 85 वर्षीय येशेवड लिफशिज नाम की एक महिला ने हमास द्वारा बंदी बनाए जाने की दास्तान साझा की है. एक दिन पहले ही इजराइल ने चार महिलाओं को हमास के कब्जे से छुड़ाया था. येशेवड भी उनमें से एक थी. उन्होंने बताया कि हमास ने उन्हें मोटरसाइकिल पर बिठाकर तेजी से बाइक चलाई, छड़ी से पिटाई की, उसके बाद सुरंग के जरिए उन्हें एक हॉल तक ले गए, जहां पहले 25 लोग रखे गए थे. उन्होंने कहा कि इस दौरान हमास वालों ने उनकी जिंदगी नरक जैसी कर दी थी. येशेवड ने बताया कि हरेक बंदी के लिए हमास ने एक डॉक्टर का इंतजाम किया हुआ है, ऐसा लगता है कि उन्होंने लंबे समय तक बंदी बनाने की योजना बना रखी है.
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