नई दिल्ली :इजरायल पर हमास ने रॉकेट हमले किए जिसके बाद उस पर जवाबी कार्रवाई जारी है. इजरायल की सेना गाजा पट्टी पर बम बरसा रही है (Israel Hamas War). उसने पहले ही नागरिकों को चेतावनी दे दी थी कि शहर छोड़कर चले जाएं. ऐसे में हजारों की संख्या में लोग उत्तर को खाली करने के इजरायल के आदेश का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं.
इस क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों की बढ़ती तैनाती से समर्थित इजरायली सेना ने खुद को गाजा की सीमा पर तैनात कर लिया है. इजरायल ने भी कहा है कि यह आतंकवादी समूह को खत्म करने के लिए व्यापक अभियान होगा. उधर, एक रिपोर्ट के मुताबिक गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से 2,329 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिससे यह फिलिस्तीनियों के लिए सबसे घातक गाजा युद्ध बन गया है.
7 अक्टूबर को हमास ने किया था हमला :यहूदी सब्त के दिन सात अक्टूबर को हमास ने दक्षिणी इज़रायल में आश्चर्यजनक हमला किया. हमास ने उसके सैन्य ठिकानों और आवासीय क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,300 लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए. हमास के हमले ने इज़रायल की ओर से बड़े पैमाने पर सैन्य प्रतिक्रिया शुरू कर दी है, जो तब से गाजा पर मिसाइलों, जेट विमानों और खतरनाक हथियारों का उपयोग कर रहा है. ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है, सफेद फास्फोरस का भी इस्तेमाल हो रहा है. हमलों में लगभग 1,900 गाजावासी मारे गए हैं, और इज़रायल ने उत्तरी गाजा में रहने वाले लगभग 11 लाख लोगों को 24 घंटों के भीतर दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा है. हालांकि गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि 2329 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
हमास ने क्यों किया हमला? :जानकारों का कहना है कि हमास ने इस हमले से फ़िलिस्तीन मुद्दा उठाने की कोशिश की है. वहीं, इज़रायल के दृष्टिकोण से देखें तो फ़िलिस्तीन मुद्दा अब अन्य अरब देशों के साथ संबंध सुधारने में बाधा नहीं हैं. जब यूएई ने 2020 में सामान्यीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए तो इज़रायल ने फिलिस्तीनियों को कोई रियायत नहीं दी. इसी तरह, सऊदी अरब और इज़रायल पिछले सप्ताह तक बातचीत के चरण में थे. लेकिन 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल की सुरक्षा भेदकर जो हमला किया है उसने फिलिस्तीन को पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक मुद्दे में वापस ला दिया है.
शुरुआत से लेकर अब तक की स्थिति?विवादित फिलिस्तीनी क्षेत्रों में ऐतिहासिक फिलिस्तीन के तीन हिस्से शामिल हैं - वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम (दोनों को 1967 में जॉर्डन से इज़रायल द्वारा कब्जा कर लिया गया था) और गाजा पट्टी (उसी वर्ष मिस्र से कब्जा कर लिया गया था). वेस्ट बैंक (जो जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट पर है) और गाजा पट्टी, जो इज़रायल और भूमध्य सागर के बीच स्थित एक छोटा सा इलाका है. इनके बीच कोई भौगोलिक निकटता नहीं है. तब से वेस्ट बैंक इज़रायल के सैन्य कब्जे में है.
1980 में इज़रायल ने यरुशलम कानून पारित किया, जिसमें एकीकृत यरुशलम को अपनी राजधानी घोषित किया गया. साथ ही प्रभावी ढंग से पुराने शहर सहित शहर के पूर्वी आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया, जो अल-अक्सा मस्जिद, वेलिंग वॉल और चर्च ऑफ द होली सेपुलचर की मेजबानी करता है. 1970 के दशक से, इज़रायल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में यहूदी बस्तियों को भी बढ़ावा दिया है, जिनमें अब कुल मिलाकर लगभग 7,00,000 यहूदी रहते हैं. 2005 तक गाजा इजरायल के कब्जे में था और वहां यहूदी लोग रहते थे.