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Israel Hamas War : इजरायल ने गाजा पर दोबारा नियंत्रण की कोशिश की तो लंबी चलेगी लड़ाई

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 15, 2023, 4:43 PM IST

हमास पर जिस तरह से इजरायल की कार्रवाई बढ़ रही है, उसने ये इशारा तो कर दिया है कि ये युद्ध लंबे समय तक चलने वाला है. गाजा में ईंधन और बुनियादी आपूर्ति खत्म हो गई है. युद्ध में अपेक्षित इजरायली जमीनी हमले से पहले नागरिकों को भोजन, पानी और सुरक्षा खोजने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. ऐसे में इस खास रिपोर्ट में शुरुआत से अब तक की स्थिति के बारे में जानते हैं. Israel Defence Forces, Gaza Civilians Get 3 Hour Deadline, Israeli military, Gaza Strip, militant rocket fire into Israel, Israel tries to take control of Gaza, Hamass surprise attack.

Israel Hamas War
हमास इजरायल युद्ध

नई दिल्ली :इजरायल पर हमास ने रॉकेट हमले किए जिसके बाद उस पर जवाबी कार्रवाई जारी है. इजरायल की सेना गाजा पट्टी पर बम बरसा रही है (Israel Hamas War). उसने पहले ही नागरिकों को चेतावनी दे दी थी कि शहर छोड़कर चले जाएं. ऐसे में हजारों की संख्या में लोग उत्तर को खाली करने के इजरायल के आदेश का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं.

इस क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों की बढ़ती तैनाती से समर्थित इजरायली सेना ने खुद को गाजा की सीमा पर तैनात कर लिया है. इजरायल ने भी कहा है कि यह आतंकवादी समूह को खत्म करने के लिए व्यापक अभियान होगा. उधर, एक रिपोर्ट के मुताबिक गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से 2,329 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिससे यह फिलिस्तीनियों के लिए सबसे घातक गाजा युद्ध बन गया है.

7 अक्टूबर को हमास ने किया था हमला :यहूदी सब्त के दिन सात अक्टूबर को हमास ने दक्षिणी इज़रायल में आश्चर्यजनक हमला किया. हमास ने उसके सैन्य ठिकानों और आवासीय क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,300 लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए. हमास के हमले ने इज़रायल की ओर से बड़े पैमाने पर सैन्य प्रतिक्रिया शुरू कर दी है, जो तब से गाजा पर मिसाइलों, जेट विमानों और खतरनाक हथियारों का उपयोग कर रहा है. ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है, सफेद फास्फोरस का भी इस्तेमाल हो रहा है. हमलों में लगभग 1,900 गाजावासी मारे गए हैं, और इज़रायल ने उत्तरी गाजा में रहने वाले लगभग 11 लाख लोगों को 24 घंटों के भीतर दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा है. हालांकि गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि 2329 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.

हमास ने क्यों किया हमला? :जानकारों का कहना है कि हमास ने इस हमले से फ़िलिस्तीन मुद्दा उठाने की कोशिश की है. वहीं, इज़रायल के दृष्टिकोण से देखें तो फ़िलिस्तीन मुद्दा अब अन्य अरब देशों के साथ संबंध सुधारने में बाधा नहीं हैं. जब यूएई ने 2020 में सामान्यीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए तो इज़रायल ने फिलिस्तीनियों को कोई रियायत नहीं दी. इसी तरह, सऊदी अरब और इज़रायल पिछले सप्ताह तक बातचीत के चरण में थे. लेकिन 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल की सुरक्षा भेदकर जो हमला किया है उसने फिलिस्तीन को पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक मुद्दे में वापस ला दिया है.

शुरुआत से लेकर अब तक की स्थिति?विवादित फिलिस्तीनी क्षेत्रों में ऐतिहासिक फिलिस्तीन के तीन हिस्से शामिल हैं - वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम (दोनों को 1967 में जॉर्डन से इज़रायल द्वारा कब्जा कर लिया गया था) और गाजा पट्टी (उसी वर्ष मिस्र से कब्जा कर लिया गया था). वेस्ट बैंक (जो जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट पर है) और गाजा पट्टी, जो इज़रायल और भूमध्य सागर के बीच स्थित एक छोटा सा इलाका है. इनके बीच कोई भौगोलिक निकटता नहीं है. तब से वेस्ट बैंक इज़रायल के सैन्य कब्जे में है.

1980 में इज़रायल ने यरुशलम कानून पारित किया, जिसमें एकीकृत यरुशलम को अपनी राजधानी घोषित किया गया. साथ ही प्रभावी ढंग से पुराने शहर सहित शहर के पूर्वी आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया, जो अल-अक्सा मस्जिद, वेलिंग वॉल और चर्च ऑफ द होली सेपुलचर की मेजबानी करता है. 1970 के दशक से, इज़रायल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में यहूदी बस्तियों को भी बढ़ावा दिया है, जिनमें अब कुल मिलाकर लगभग 7,00,000 यहूदी रहते हैं. 2005 तक गाजा इजरायल के कब्जे में था और वहां यहूदी लोग रहते थे.

वर्तमान में, पूर्वी यरुशलम पूरी तरह से इजरायल के नियंत्रण में है, हालांकि शहर के अधिकांश अरब इजरायली नागरिक नहीं हैं; वेस्ट बैंक इजरायल के सीधे कब्जे में है (फिलिस्तीनी प्राधिकरण, 1993 ओस्लो समझौते के हिस्से के रूप में स्थापित एक अस्थायी स्वशासी निकाय, जिसके पास वेस्ट बैंक के सीमित क्षेत्रों में बहुत सीमित शक्तियां हैं) और गाजा इजरायल की नाकाबंदी के तहत है. इस्लामवादी हमास 2007 से गाजा को चला रहा है, जबकि फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (पीएलओ) की रीढ़, धर्मनिरपेक्ष फतह, इसके गठन के बाद से फिलिस्तीनी प्राधिकरण को चला रहा है. 2006 में एक संक्षिप्त अंतराल को छोड़कर जब हमास ने संसदीय चुनावों में जीत हासिल की थी. यहां कोई शांति प्रक्रिया नहीं है, कोई एकजुट या संगठित फिलिस्तीनी आंदोलन नहीं है और दो-राज्य समाधान के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं है.

हमले का क्या असर होगा?इज़रायल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा हमला करके हमास ने बड़ा जोखिम उठाया है. उसे पता था कि कि गाजा पर उसके पिछले हमलों की तुलना में इस बार इजरायल की प्रतिक्रिया कहीं अधिक जोरदार होगी. रणनीतिक और मानवीय दृष्टि से हमास के हमले ने लाखों फ़िलिस्तीनियों के जीवन को और ख़तरे में डाल दिया है.

साथ ही हमास ने भी खुद को दांव पर लगा दिया है. 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में आत्मघाती हमले करने वाले इस्लामवादी समूह ने हाल के वर्षों में नरमी के संकेत दिखाए थे. वह 2017 में एक नया चार्टर लेकर आया था जिसने अपने मूल चार्टर की यहूदी-विरोधी भाषा को हटा दिया था. लेकिन 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास को अब इज़रायल की ओर से सैन्य हमलों के लंबे दौर का सामना करना पड़ सकता है.

चेतावनी देकर पीछे हटने के मूड में नहीं नेतन्याहू : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पास भी हमले के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने हमास को कुचलने का वादा किया है. वह पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. लेकिन हमास, अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे अंतरराष्ट्रीय, पैन-इस्लामवादी जिहादी संगठनों के विपरीत, फिलिस्तीनी राष्ट्रवादी कारण में गहरी जड़ें रखता है और फिलिस्तीनियों के बीच लोकप्रिय है.

अब इजरायल के सामने सवाल यह है कि क्या वह गाजा में एक अल्पकालिक ऑपरेशन चलाकर पीछे हटना चाहता है या 23 लाख लोगों के इलाके पर दोबारा कब्जा कर उन्हें इजराइल के सीधे नियंत्रण में लाना चाहता है. गाजा पर नियंत्रण की कार्रवाई का विकल्प इस क्षेत्र में लंबे समय तक शहरी युद्ध को जन्म दे सकता है.

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