नई दिल्ली : गाजा में एक अस्पताल पर हमले से वैश्विक स्तर पर रोष फैलने के बीच गुरुवार को भारत ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का कड़ाई से पालन करने का आह्वान किया (Israel Hamas conflict).
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Foreign Ministry spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा कि भारत हताहत नागरिकों और मानवीय स्थिति को लेकर चिंतित है. इस सप्ताह अस्पताल पर हुए हमले के संबंध में सवालों पर बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का कड़ाई से पालन करने का आग्रह करते हैं.' फिलिस्तीन मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत ने दो-राष्ट्र समाधान के लिए सीधी बातचीत के पक्ष में अपना रुख दोहराया है.
गाजा के अल अहली अरब अस्पताल में मंगलवार को हुए विस्फोट में लगभग 470 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा हुई है. फिलिस्तीनी अधिकारियों ने अस्पताल में विस्फोट के लिए इजरायल के हवाई हमलों को दोषी ठहराया. वहीं, इजरायल ने कहा कि आतंकवादी समूह फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद द्वारा गाजा से दागे गए रॉकेट के कारण विस्फोट हुआ था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा अस्पताल पर हमले में लोगों की मौत पर बुधवार को दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि संघर्ष में आम नागरिकों का हताहत होना गंभीर चिंता का विषय है और इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
मोदी ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, 'गाजा के अल अहली अस्पताल में लोगों की दुखद मौत से गहरा सदमा लगा है. पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जारी संघर्ष में आम नागरिकों का हताहत होना गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है. इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.'