वैशाली :अबतक तो आप नेताओं को वोटों के अनुसार हिन्दू-मुस्लिम बनते देखे होंगे. पर भूत-प्रेत बाधाओं को भगाने वाले को एक ही रंग में देखे हैं? आपका जवाब ना में होगा. क्योंकि जो हिन्दू धर्म को मानने वाला है उसका ओझा हिन्दू ही होता है और मुस्लिम धर्म को मानने वाले का पीर बाबा. पर बिहार के वैशाली में दोनों का संगम दिखाई दिया.
सिर पर इस्लामी टोपी, कमर में हिन्दू धोती : गंगा और गंडक के मिलन स्थल हाजीपुर कौन हारा घाट पर एक पाखंड बाबा दिखाई पड़ा. सिर पर इस्लामी टोपी और कमर में हिन्दू धोती पहना हुआ था. ज्ञान की बातें बघार रहा था. कह रहा था हिन्दू-मुस्लिम सब एक होते हैं. हालांकि जब उससे हमने नाम पूछा तो सोनू बताया. जब फिर से पूछा तो सोनू के साथ आलम भी लग गया, सोनू आलम.
'हर मुराद यहां पूरी होती है' : सोनू कहता है उसके पास हर मर्ज की दवा है. भूत-प्रेत तो उसके नाम से कांपते हैं. जो मन से मन्नत मांगेगा उसका कल्याण होगा. मंदिर में पूजा और मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाना और ध्यान कहीं और रखने से कुछ नहीं मिलेगा. हमारे यहां जो आता है उसका भला होता है. जिसको लक्ष्मी (बेटी) है और बेटे की चाहत है तो हम उसकी मांग पूरी करते हैं.
''हिंदू-मुस्लिम जो दिल से चाहता है, उसी के पास जाता है. सब धर्म एक है. यहां पर सारे धर्म का झाड़फूंक होता है. किसी का भूत प्रेत है, किसी का इधर-उधर का फेर है, सबका कल्याण होता है.''-सोनू आलम, कथित तांत्रिक
शिक्षा से ही पाखंड को मात दी जा सकती है : सोनू आलम की बातों को सुनकर कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं अशिक्षा समाज में पाखंड और ढोंग को जन्म दे रहा है. निश्चित तौर पर सरकार को चाहिए कि पहले लोगों को शिक्षित करने का काम करे और जागरूकता चलाकर अंधविश्वास को दूर करने का प्रयास करे.