रांची:झारखंड के गोड्डा और हजारीबाग से गिरफ्तार आतंकी संगठन आईएसआईएस के दो आतंकियों का मुख्य मकसद फिलिस्तीन जाकर मस्जिद अल-अक्सा को यहूदियों के कब्जे से मुक्त करवाना था. इसके लिए दोनों आतंकी जम्मू-कश्मीर से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक के लोगों के संपर्क में थे.
यह भी पढ़ें:ISIS से जुड़े दो आतंकी गिरफ्तार, झारखंड एटीएस ने की कार्रवाई
फिदायीन हमला करने की थी योजना:झारखंड एटीएस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े आतंकी मो आरिज हसनैन और मो नसीम उर्फ मोहसिन को गिरफ्तार किया है. आरिज की निशानदेही पर एटीएस ने मो नसीम को हजारीबाग के कटकमसांडी इलाके के पेलावल महतो टोला से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने खुलासा किया है कि दोनों संदिग्ध आतंकी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों के संपर्क में थे.
दोनों का लक्ष्य फिलिस्तीन जाकर संघर्ष में शामिल होना था. एटीएस ने अपने जारी बयान में कहा है कि फिलिस्तीन जाकर इन दोनों ने फिदायीन हमला कर मस्जिद-ए-अल-अक्सा को यहूदियों से आजाद कराने का लक्ष्य रखा था. यह बात सामने आई है कि साल 2020 में दोनों आतंकी डार्क वेब और फेसबुक के जरिए कश्मीरी युवक-युवतियों के संपर्क में आए थे.
कैसे हुआ खुलासा:दरअसल, एटीएस को सूचना मिली थी कि गोड्डा जिले का रहने वाला मोहम्मद आरिज हसनैन आईएसआईएस में सक्रिय है और सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से संगठन का प्रचार-प्रसार कर रहा है. आरिज सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को रेडिक्लाइज करने की मुहिम में लगा हुआ था. सूचना मिलने के बाद एटीएस की टीम ने आरिज पर नजर रखनी शुरू कर दी.
उसकी गतिविधियों की जांच के लिए एटीएस की एक टीम गोड्डा में कई हफ्तों से ठिकाना बनाकर रह रही थी. जांच के दौरान जब आरिज की संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्तता सामने आई तो उसे रांची लाया गया, जहां उसके आतंकी संगठनों से संबंधों की पुष्टि हुई. पुलिस को आरिज के मोबाइल से चैट भी मिली है. ये चैट मोहम्मद नसीम के साथ थी.
नसीम ने भेजी थीं आईएसआईएस से जुड़ी किताबें: जांच में यह भी पता चला है कि नसीम ने आरिज को आईएसआईएस की विचारधारा को दर्शाने वाली दो किताबें, जेहाद और कुफ्र विद तागूट आरिज भेजी थीं. दोनों किताबें आईएसआईएस के नजरिए को बताती हैं.
आईएसआईएस की शपथ:जांच के दौरान ईडी को पता चला कि नसीम और आरिज ने आईएसआईएस से शपथ ली है. इन दोनों के मोबाइल फोन से आतंकी संगठन के शपथ पत्र भी मिले हैं. मोबाइल से ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों से संपर्क की बात सामने आई है.