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आईएसआईएस के गुर्गों ने की मंदिर, सरकारी इमारतों की रेकी : NIA - आईएसआईएस के गुर्गों के खिलाफ चार्जशीट

एनआईए (NIA) ने खुलासा किया है कि आईएसआईएस के आतंकवादी गुर्गे भारत में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मंदिरों, सरकारी भवनों और पुलिस स्टेशनों की रेकी कर रहे हैं (ISIS terrorist operatives in India ). गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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Published : Mar 16, 2022, 10:44 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है कि भारत में आईएसआईएस के आतंकी गुर्गे विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पुलिस स्टेशन सहित मंदिरों, सरकारी भवनों की रेकी कर रहे हैं. बुधवार को एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' से कहा, 'हमने हाल ही में भारत में दो अलग-अलग स्थानों से आईएसआईएस के दो सक्रिय गुर्गों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने खुलासा किया है कि आतंकवादी संगठन विध्वंसक गतिविधियों के लिए मंदिरों, सरकारी भवनों, विशेष रूप से पुलिस थानों की रेकी कर रहा है.

एनआईए ने हाल ही में वॉयस ऑफ हिंद मामले में आईएसआईएस के दो गुर्गों, अफशान परवेज जराबी और तौहीद लतीफ सोफी के खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की है. अधिकारी ने कहा, 'वॉयस ऑफ हिंद के लिए कंटेंट एडिटिंग करने के अलावा, तौहीद ने पूरे भारत में मंदिरों और विभिन्न पुलिस स्टेशनों की रेकी भी की.' अधिकारी ने कहा कि परवेज अफगानिस्तान-पाकिस्तान के ISIS ठिकानों से जुड़ा था और संगठन के लिए भर्ती अभियान में सक्रिय रूप से शामिल था. अधिकारी ने कहा, 'जहां तक ​​आईएसआईएस में भर्ती का सवाल है, आतंकवादी संगठन मुख्य रूप से भड़काने वाले साहित्य और बयान से मुस्लिम युवाओं को टारगेट करता है. परवेज मुख्य रूप से भारत में ISIS की गतिविधियों को संचालित कर रहा था.

अधिकारी ने कहा, 'वह विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से आईएसआईएस की प्रचार सामग्री का प्रसार कर रहा था.' अधिकारी ने कहा कि विशेष रूप से केरल, आंध्र प्रदेश में मंदिर और पुलिस स्टेशन आईएसआईएस के निशाने पर थे. एनआईए अधिकारी ने कहा कि आईएसआईएस हमेशा युवाओं को प्रभावित करने के लिए वॉयस ऑफ हिंद को अपने प्रमुख स्रोत के रूप में इस्तेमाल करता है. वॉयस ऑफ हिंद के ताजा अंक का जिक्र करते हुए अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी संगठन कर्नाटक हिजाब विवाद पर भी वैश्विक ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है.

एन्क्रिप्टेड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पत्रिका के मार्च के अंक का जिक्र करते हुए अधिकारी ने कहा कि आतंकी संगठन ने इसका इस्तेमाल हिजाब विवाद को वैश्विक बनाने के लिए 'मुसलमानों को धमकाने' के लिए किया है.

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